
Commissioner of Ghaziabad and Senior IPS Ajay Kumar Mishra का एक ओडियो क्लिप सामने आया है जिसमें वे एक समाचार पत्र के दिव्यांग संपादक को कह रहे हैं कि स्टाल पर नहीं बिकने वाले मुफ्त में बांटे जाने वाले अखबारों से जुड़े लोग ब्लैकमेलर होते हैं। ये बात पुलिस कमिश्नर ने समाचार पत्र के संपादक को तब कही जब उन्होंने अपने खिलाफ पुलिस द्वारा चुनाव में की गई कार्रवाई पर एतराज जताने के लिए फोन किया। पीड़ित समाचार पत्र का संपादक इस बात से आहत होकर मामले को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया में ले जाने के साथ कोर्ट जाने की चेतावनी दे रहा है।
ये है मामला
गाजियाबाद के विजयनगर इलाके के काशीराम आवास-विकास परिषद के फ्लेट्स में रहने वाले अनीस अंसारी प्रगतिशील समाजवाद के नाम से एक समाचार पत्र का संचालन करते हैं। वे कई संस्थाओं और सामाजिक संगठनों से भी जुड़े हुए हैं। अनीस दोनों पैर से विकलांग हैं। बावजूद इसके कुछ रोज पहले विजयनगर पुलिस ने उनके खिलाफ उप-चुनाव में शांति भंग करने की आशंका में निरोधात्मक कार्रवाई कर दी। इस बात की शिकायत करने के लिए अनीस ने Police Commissioner Ajay Kumar Mishra को फोन किया।
आरोप है कि फोन पर न सिर्फ सीनियर आईपीएस ने उनके साथ आपत्तिजनक तरीके से बात की बल्कि ये भी कहा कि स्टॉल पर नहीं बिकने वाले अखबारों से जुड़े लोग ब्लैकमेलर होते हैं। अनीस ने Police Commissioner के फोन पर की गई बातचीत के ओडियो क्लिप को लेकर कोर्ट जाने और इस बात की शिकायत प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से करने की बात कही है। अनीस ने पुलिस कमिश्नर से बातचीत का ओडियो भी मुझे मुहैया कराया है। हालाकि हम इस बात की तस्दीक नहीं करते कि ये ओडियो पुलिस कमिश्नर का ही है, मगर अनीस का यही आरोप है।
Police Commissioner से नहीं हो सकी बात
हमने इस मामले को लेकर Police Commissioner और Senior IPS Officer Ajay Mishra से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क करने की कोशिश की। उनके आवास और कार्यालय से संपर्क किया, मगर बात नहीं हो सकी।
ओडियो क्लिप में ये है
कॉल मिलते ही रिकॉर्ड हुआ संवाद
कॉल सुनने वाला– हेलो…हेलो
अनीस अंसारी– पुलिस कमिश्नर गाजियाबाद
कॉल सुनने वाला-बोल रहा हूं
अनीस अंसारी- पत्रकार अनीस अंसारी बोल रहा हूं सर गाजियाबाद से
कॉल सुनने वाला– कौन से बेनर के पत्रकार हैं भई
अनीस अंसारी– मेरा एक अपना अखबार निकलता है साप्ताहिक प्रगतिशील समाजवाद के नाम से
कॉल सुनने वाला- पढ़ते भी आप ही होंगे
अनीस अंसारी- जी?
कॉल सुनने वाला– पढ़ते भी आप ही होंगे
अनीस अंसारी– नहीं सर सभी लोग पढ़ते हैं
कॉल सुनने वाला– मैने तो आज तक इस अखबार का नाम नहीं सुना
अनीस अंसारी– आपने नाम नहीं सुना ये बात अलग है सर
कॉल सुनने वाला– कौन से स्टॉल पर बिकता है आपका अखबार ?
अनीस अंसारी– जी?
कॉल सुनने वाला– कौन से स्टाल पर बिकता है आपका अखबार?
अनीस अंसारी- सर फ्री ऑफ कास्ट बंटवाते हैं। कलक्ट्रेट, जीडीए सभी जगह बंटता है।
कॉल सुनने वाला- ये बकवास है। वही बकवास है जो ब्लैकमेलर अखबार हैं। कौन बंटवाता है फ्री ऑफ कास्ट अखबार ? फ्री-ऑफ कास्ट तो वही बंटवाते हैं।
अनीस अंसारी- हमारी 200 कॉपी फ्री ऑफ कॉस्ट बंटती हैं।
कॉल सुनने वाला- दोबारा फोन मत करना।
ये कहकर कॉल सुनने वाला शख्स फोन काट देता है।
अनीस का दावा- Police Commissioner से हुआ ये संवाद
अनीस अहमद के मुताबिक ये पूरी बातचीत Police Commissioner Ajay Mishra के फोन पर हुई है। और Police Commissioner ने उनकी समस्या सुने बगैर ही दोबारा फोन नहीं करने की चेतावनी देकर कॉल काट दिया।
गाजियाबादी संपादकों ने तो साईकिल पर बांटे हैं मुफ्त अखबार
यदि ये ओडियो क्लिप पुलिस कमिश्नर से ही बातचीत की है, तो पुलिस कमिश्नर साहब को शायद गाजियाबादी मीडिया का इतिहास नहीं पता, या ये कहें कि वे मीडिया के सिर्फ हाईटेक कल्चर से ही परिचित हैं। तो कमिश्नर साहब को बता दें कि गाजियाबाद में शासन-प्रशासन को उनकी खामियों से रू-ब-रू कराने के लिए गाजियाबाद के कलमकारों ने न सिर्फ अपने अखबारों को जन-जन तक जागरूक करने के लिए मुफ्त बंटवाया है बल्कि खुद साइकिल से कई-कई किलोमीटर तक गांव-देहात में जाकर खुद अखबारों का मुफ्त वितरण किया है।
आज भी उनकी प्रेस कांफ्रेंन्स में आने वाले बहुत सारे अखबार ऐसे हैं जो अधिकारियों ही नहीं बल्कि नेता और जनप्रतिनिधियों के कार्यालयों और आवासों पर भी मुफ्त में पहुंचाए जाते हैं।
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