
Vakilo ki Mahapanchayat: गाजियाबाद के वकीलों पर जिला जज की अदालत में हुए लाठीचार्ज को लेकर वकीलों का आंदोलन लगातार जारी है। मगर उनके आंदोलन को न उच्चाधिकारी गंभीरता से ले रहे और न चुनावी मोड में चल रही योगी सरकार। इस बात से नाराज वकीलों ने शनिवार को महापंचायत का आयोजन किया है।
Mahapanchayat के लिए ये है Vakilo का मजमून
भारतवर्ष के सभी अधिवक्ताओं भाइयों से अनुरोध है कि दिनांक 29.10.2024 को गाजियाबाद न्यायालय के कोर्ट रूम में जिला जज अनिल कुमार दशम के षणयंत्र के अंतर्गत डीसीपी राजेश कुमार और उनके पुलिसकर्मियों ने निहत्थे अधिवक्ताओं जिनमें महिला अधिवक्ता भी थीं, के ऊपर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज करके बुरी तरह से जख्मी किया। यह घटना आजाद भारत के इतिहास में पहली बार घटित हुई है, जो हिंदुस्तान के वकीलों के लिए एक काला दिवस है।
अपने Vakil भाइयों के ज़ख्मों तथा न्यायालय में बहाए गए वकीलों का रक्त आपसे न्याय मांगता है। इसलिए उच्च पदों पर बैठे न्यायाधीशों व सरकार की आंखों व कानों को खोलने के लिए दिनांक 16.11.2024 को समय 10.00 बजे प्रातः से गाजियाबाद में Vakilo की महापंचायत का आयोजन किया गया है जिसमें दोषियों के विरुद्ध सख्त दंडात्मक कार्यवाही करने तथा हिंदुस्तान के Vakilo के मान सम्मान के लिए महापंचायत में पूर्ण समर्थन देकर हर भारतीय Vakil सरकार को अपनी विधिक शक्ति का आभास कराने की कृपा करे।
सोशल मीडिया के जरिये भेजा जा रहा है ये मैसेज
ये मजमून लिखा मैसेज सोशल मीडिया के अलगअलग माध्यमों से देशभर के वकीलों को भेजा जा रहा है। जाहिर है कि गाजियाबाद के वकीलों की कोशिश है कि इस महापंचायत के जरिये इस आंदोलन को और ज्यादा तेजी दी जाए।
कल ही सीएम योगी का रोड शो
गौरतलब है कि शनिवार को ही गाजियाबाद के विजयनगर में सीएम योगी का रोड शो भी है। पुलिस औऱ प्रशासनिक अमले के लिए चिंता की बात ये है कि महापंचायत को संभालें या सीएम के दौरे को। जाहिर है कि महापंचायत में यदि वकीलों की तरफ से सीएम योगी के आयोजन के मद्देनजर कोई बड़ा फैसला ले लिया जाता है तो हालातों को कैसे संभाला जाएगा।
बीजेपी के लिए सिरदर्द बना आंदोलन
इस समय यूपी की नौ सीटों पर उप-चुनाव का दौर है। आठ सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग होनी है। ऐसे में बीजेपी के लिए जहां विपक्षी दल मुसीबत बने हैं वहीं वकीलों का ये आंदोलन भी किसी मुसीबत से कम नहीं। जाहिर है कि वकीलों की नाराजगी वीजेपी के प्रत्याशियों की जीत की राह में मुश्किल पैदा कर सकती है।
वकीलों ने संसद में मामला उठाने की मांग की

गाजियाबाद बार एसोसिएशन की ओर से इस प्रकरण को लेकर एक पत्र जारी किया गया है। इस पत्र में सभी राजनैतिक दलों के सांसदों से समर्थन मांगने के साथ अपील की गई है कि जैसे ही संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो वकीलों के साथ कोर्ट परिसर में पुलिस के द्वारा की गई बर्बरता का मामला वे सदन में उठाएं औऱ सरकार से सवाल करें। जाहिर है कि इस अपील का असर शीतकालीन सत्र में भी दिखाई दे सकता है।
असपा प्रमुख पहले कर चुके हैं वकीलों का समर्थन
गौरतलब है कि आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर गाजियाबाद के वकीलों के बीच जाकर पहले ही उनके आंदोलन को समर्थन दे चुके हैं। जाहिर है कि उनका इस मुद्दे को संसद में उठाना तय है। देखना होगा कि सत्र की शुरूआत तक वकीलों के साथ और कौन कौन से दलों के नेता और सांसद भी जुड़ते हैं। जाहिर है कि ये सरकारों के साथ साथ बीजेपी के लिए भी किसी मुश्किल से कम नहीं।
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