
BJP प्रत्याशी संजीव शर्मा ने दो-दो पूर्व डिप्टी मेयरों को अपने चुनाव की कमान सोंपकर सोचा होगा कि उन्हें बड़ा फायदा होगा। मगर, हालात ये हैं कि राजीव शर्मा और सुनील यादव से नाराजगी के चलते इस उप-चुनाव में BJP के गढ़ कहे जाने वाले वार्ड 59 और वार्ड 26 में इस बार BJP को बड़ा नुकसान होने जा रहा है। जहां सुनील यादव के वार्ड में इसका फायदा सिंघराज और पूनम चौधरी को मिलता दिख रहा है, तो वार्ड 59 में बसपा प्रत्याशी परमानंद गर्ग को।
वार्ड-59: पूर्व डिप्टी मेयर राजीव शर्मा के वार्ड का हाल
वार्ड 59 में पुराने शहर के मुहल्ले चंद्रपुरी, कस्सावान, अफगानान आदि इलाके आते हैं। इस वार्ड में वैश्य मतदाताओं की संख्या 56 फीसदी है। इनके अलावा करीब डेढ़ हजार वोटर्स ब्राह्मण, इतने ही मुस्लिम मतदाता हैं। इन सबके अलावा यहां संघ से जुड़े लोगों की भी खासी तादात है। इनमें तकरीबन 12 सौ लोग ऐसे हैं जो लंबे समय से संघ से जुड़े हैं।
इसके बावजूद पिछले चुनाव में यहां BJP के प्रत्याशी के रूप में राजीव शर्मा को महज दो सौ से भी कम अंतर से जीत मिली। उन्हें कड़ी चुनौती दी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े अरूण मित्तल ने। ये स्थिति भी तब रही जबकि राजीव ने अरूण को चुनाव हराने के लिए एक डमी प्रत्याशी के रूप में महेंद्र पतंग वालों के बेटे गौरव को मैदान में उतारा जिसने अफगान मुहल्ले के करीब 70 वोट काटे और तब राजीव को बामुश्किल जीत मिली।
राजीव शर्मा, संजीव शर्मा के चुनाव में सह-संयोजक की भूमिका में हैं। मगर उनकी यहां हालत देखिए कि वे खुद वैश्य वोटों के ध्रुवीकरण के सहारे ही बीजेपी के टिकट से यहां जीत दर्ज कर सके हैं। ऐसे में अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है कि इस वार्ड में बीजेपी की हालत उप-चुनाव में क्या रहने वाली है।
राजीव से नाराजगी, BJP पर भारी, BSP को फायदा
राजीव से नाराज इस इलाके के रहने वाले अधिकांश वैश्य समाज के लोग BJP और संजीव शर्मा को तो पसंद करते हैं, मगर राजीव की वजह से वैश्य समाज के एक मात्र उम्मीदवार परमानंद गर्ग को वोट करने का मन बनाए हुए हैं। जाहिर है कि ये हालात खासकर BJP और संजीव शर्मा के लिए बड़ी मुसीबत हैं।
वार्ड-26: पूर्व डिप्टी मेयर सुनील यादव के वार्ड का हाल
वार्ड नंबर 26 में रेलवे स्टेशन गाजियाबाद से लगे लाईनपार क्षेत्र तके पुराने मुहल्ले भूड़ भारत नगर, रामपुरी, सुंदरपुरी, माधौपुरा और गऊपुरी आते हैं। इस वार्डों में यदि मतदाताओं की संख्या की बात करें तो ये तादात 12551 है। इनमें सबसे ज्यादा वोटर ओढ़ राजपूत समाज के मतदाताओं के हैं। जिनकी संख्या लगभग 15 सौ है। इसके बाद सबसे ज्यादा वोटर कोली और पासी समाज के लोगों के हैं। जिनके वोटर्स की संख्या लगभग दो हजार है। पंजाबी, ब्राह्मण और वैश्य समाज के मतदाताओं की संख्या यहां तकरीबन 15-सौ है। जबकि इस वार्ड में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या तकरीबन चार सौ है।
महज 210 वोट से जीती थी BJP
बीते निगम चुनाव में इस वार्ड के रिजर्व होने की वजह से सुनील यादव की सिफारिश पर राजकुमार राजू कैबल वाले को यहां से BJP प्रत्याशी बनाया गया था। जिन्हें निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने वाले सुरेश गुरुजी कैबल वाले ने जबरदस्त टक्कर दी थी। ये स्थिति इस वार्ड में बीजेपी के विरोध की वजह से नहीं हुई बल्कि लगातार कई बार Congress और BJP से पार्षद रहे सुनील यादव से लोगों की नाराजगी के चलते रही।
वार्ड के सारे बीजेपी नेता ख़फ़ा हैं संजीव से
इस वार्ड में BJP और संघ से जुड़े लोगों की तादात खासी है। बावजूद इसके सुनील यादव से पार्टी से जुड़े लोग नाराज हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि सुनील को इस उप-चुनाव में सर्वेसर्वा बनाया गया है। जबकि उनसे नाराज बीजेपी के पुराने लोगों से मुलाकात तक नहीं की गई। इसके साथ-साथ संजीव से बीजेपी के लोगों की ही नाराजगी का सबसे बड़ा कारण ये है कि संजीव ने इस वार्ड में जनसंपर्क सिर्फ उन्हीं इलाकों में ये उन्हीं लोगों से किया है जिनसे सुनील यादव ने उन्हें मिलाया है। जाहिर है कि इसका सीधा नुकसान बीजेपी और संजीव शर्मा को हो रहा है।
राजपूत समाज संजीव से हुआ नाराज
CM Yogi के कल हुए रोड शो से एक दिन पहले वार्ड 26 में रहने वाले BJP से जुड़े कुछ ओढ़ राजपूत समाज के लोगों ने बीजेपी प्रत्याशी की एक बैठक समाज के लोगों के बीच रखवाई थी। पार्टी के कुछ स्थानीय नेताओं ने ओढ़ समाज के लोगों को उस बैठक में पहुंचने के लिए सुंदरपुरी के एक मंदिर में आने का न्यौता भी दे दिया। मगर ऐन वक्त पर वो बैठक स्थगित कर दी गई।
ओढ़ समाज के लोगों में ये सूचना फैल गई कि उस बैठक को संजीव शर्मा ने सुनील यादव के कहने पर स्थगित किया है। जिसके चलते सुनील यादव से पहले से ही नाराज ओढ़ समाज बीजेपी के खिलाफ मतदान करने की रणनीति बनाने में जुटा है। जानकारी मिल रही है कि ये वोट बीजेपी का होने के बावजूद हिंदू रक्षा दल की उम्मीदवार पूनम चौधरी और ओढ़ समाज के प्रत्याशी धर्मेंद्र को डाइवर्ट हो रहा है। जाहिर है कि इस इलाके में बीजेपी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कोरी-पासी वोट को साधने में जुटे हैं सिंघराज
सूत्र बताते हैं कि इस वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सुनील यादव को कड़ी चुनौती देने वाले सुरेश कैबल वाले BJP के ही एक वर्तमान विधायक के संबंधी हैं। वे खुद कोरी-पासी समाज से आते हैं और उनकी अपने समाज में अच्छी पकड़ है। लेकिन कैबल वाले होने के नाते और सुनील यादव के प्रतिद्वंदी होने की वजह से वे इस बार सपा-कांग्रेस प्रत्याशी सिंघराज के साथ खड़े हैं। इसकी एक वजह माधौपुरा के BJP नेता ब्रजभूषण भी हैं। जिनका Congress के नेता बलराज सिंह और सुरेश कैबल वालों से राजनैतिक टकराव है। इसका सीधा फायदा यहां सिंघराज को मिल रहा है जबकि नुकसान BJP को उठाना पड़ रहा है।
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