Sanjeev Sharma : सबको दिए 5 साल, मुझे दे दो, बस! 2 साल

Sanjeev Sharma Interview

Sanjeev Sharma Interview: BJP से चुनाव मैदान में उतरे Sanjeev Sharma कोई नया नाम नहीं है। BJPके गाजियाबाद महानगर अध्यक्ष के रूप में उनका दूसरा कार्यकाल चल रहा है। संजीव वाकिफ हैं गाजियाबाद के हर गली-मुहल्ले और वहां की समस्याओं से। अपने चुनाव प्रचार के दौरान 350 से ज्यादा छोटी-बड़ी सभाएं और रैलियां करके चुनाव प्रचार में तमाम विपक्षियों से बहुत आगे निकले संजीव का कहना है कि गाजियाबाद विधानसभा और खासकर लाईनपार क्षेत्र के लिए उनके मन में बहुत कुछ ऐसा करने की इच्छा है, जो अब तक नहीं हो सका।

Sanjeev Sharma का दावा है कि तमाम विधायकों को जनता ने 5-5 साल के लिए चुनक भेजा, मगर वो सिर्फ दो साल मांग रहे हैं। वो भी ये साबित करने के लिए कि वो किस तरह से गाजियाबाद विधानसभा में विकास का नया अध्याय जोड़ेंगे। हमने और प्रत्याशियों की ही तरह संजीव से भी cut-to-cut बात की। सुनें उस बातचीत के कुछ अहम सवाल-जवाब।

पढ़े क्या कहा BJP Candidate Sanjeev Sharma ने

प्रश्न 1- विपक्षी कह रहे हैं Sanjeev Sharma घबराया है। बीजेपी हारने की वजह से डरी हुई है, इसीलिए दिनरात जुटी है?

उत्तर- देखिए सबसे पहले मैं बता दूं कि जनसंपर्क और लोगों के बीच जाना मेरी मजबूरी नहीं, बल्कि मेरा शौक है। आप पता कर लो, चुनाव से पहले भी हर रोज सुबह से शाम तक रोज सैकड़ों लोगों से मिलता था। उनके सुख-दुख में भी आता जाता था। मुझे तो लग ही नहीं रहा कि मैं चुनाव लड़ रहा हूं या वोट के लिए प्रचार कर रहा हूं। क्योंकि लोगों से जो भी जनसंपर्क कर रहा हूं वो मेरी दिनचर्या है। हाल पूछना है तो उन नेताओं का पूछो जो बरसाती मेंढक की तरह चुनाव के दौरान अचानक प्रकट हो गए हैं।

प्रश्न 2- विपक्षियों के प्रचार के चलते जनता के मन में सबसे पहला सवाल यही है कि क्या आप चुनाव बाद भी लाईनपार क्षेत्र में ही रहेंगे या फिर चुनाव होते ही साहिबाबाद अपने पुराने आवास पर लौट जाएंगे ?

उत्तर- देखिए सबसे पहले मैं एक बात उन तमाम विपक्षियों से पूछता हूं जो मैरे लाईनपार में परिवार सहित रहने के लिए आने के बाद भी जनता को भ्रमित कर रहे हैं कि आप बताईये कि कितने विधायक ऐसे रहे हैं जो लाईनपार के रहने वाले थे ? मैं साहिबाबाद से चुनाव में उतरने से पहले ही लाईन पार क्षेत्र में ये तय करके आ गया कि चुनाव जीतूं या हारूं मगर अब इसी इलाके में रहना भी है और यहां के लिए काम भी करना है।

रही बात साहिबाबाद की तो मैं वहां पला-बढ़ा जरूर हूं, मगर वहां न मेरी फैक्ट्रियां चल रही हैं और न व्यापार। साहिबाबाद के जिस इलाके से यहां रहने आया हूं वो इलाका भी लाईन पार जैसा ही है। मैं गाजियाबादवासियों को बताना चाहता हूं कि गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र को अपना नया पता बना लिया है। अब यही रहेगा।

प्रश्न 3- जनता बीजेपी के जनप्रतिनिधियों और सरकारी मशीनरी की बेरूखी से नाराज है। मूलभूत समस्याओं से त्रस्त खासकर लाईनपार क्षेत्र के लोग इस कारण इस बार बीजेपी को हराने की सोच रहे हैं। क्या कहेंगे ?

उत्तर- देखिए मानता हूं कि गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र में कुछ इलाके ऐसे हैं जहां स्वास्थ्य-शिक्षा और नाली-खड़ंजों और दूषित जल निकासी, पेयजल व्यवस्था पर उतना काम नहीं हो सका जितना होना चाहिए था। मगर मैं जनता के बीच जाकर जो दो साल का वक्त मांग रहा हूं वो केवल चुनावी वायदा नहीं है। मैने खुद गली-गली मुहल्ले-मुहल्ले घूमकर लोगों की तकलीकों को महसूस किया है। अगले दो साल में फोकस जनता की उन्हीं समस्याओं का निस्तारण कराने पर रहेगा।

प्रश्न 4- विपक्षी कह रहे हैं कि बीजेपी ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। सीएम से लेकर डिप्टी सीएम तक तमाम लोग खासकर लाईन पार क्षेत्र में जुटे रहे। वो कह रहे हैं कि बीजेपी को हार का डर सता रहा है।

उत्तर- बहुत अच्छी पंक्तियां हैं कि  “जिसकी रही भावना जैसी, ओहे मूरत लागे है वैसी।

देखिए मैं पार्टी का एक साधारण सा कार्यकर्ता रहा हूं। मैने बीजेपी के सदस्य से शुरू करके महानगर अध्यक्ष के पद तक का सफर मेहनत और लगन के बूते पर तय किया है। मेरे परिवार की कोई राजनैतिक पृष्ठभूमि भी नहीं रही। बावजूद इसके मुझे दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी ने गाजियाबाद जैसी सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। ये सिर्फ बीजेपी में ही संभव है।

और रही बात CM और डिप्टी सीएम सहित दिग्गजों के मेरे प्रचार में आने की तो मैं बता दूं ये मेरी पार्टी के प्रति मेहनत का नतीजा है कि मेरे प्रति स्नेह के चलते सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, प्रदेश अध्यक्ष भूपेद्र चौधरी और हमारे प्रभारी मंत्री असीम अरूण भी खुद प्रचार के लिए आए। ये किसी खौफ या आशंका की वजह से नहीं हुआ बल्कि ये जताता और बताता है कि एक आम कार्यकर्ता को भी बीजेपी में कितना प्यार औऱ दुलार मिलता है। और रही बात डर कि तो मैं बता दूं कि हम जीत-हार का नहीं बल्कि नया रिकॉर्ड बनाने के लिए प्रचार कर रहे हैं।

प्रश्न 5- इस चुनाव में आप किसे अपना मजबूत प्रतिद्वंदी मानते हैं ?

उत्तर- प्रतिद्वंदी बीजेपी का कोई है ही नहीं। देखिए कांग्रेस ने तो उप-चुनाव शुरू होने से पहले ही गाजियाबाद सहित प्रदेश की तमाम सीटों पर अपने उम्मीदवार लड़ाने से इंकार कर दिया। जबकि इस सीट का हाल किसी से छिपा नहीं है। केवल हमारे हिन्दू समाज का अटूट अंग दलितों को बरगलाकर उनका वोट पाने की जंग लड़ी जा रही है। इसके अलावा तमाम राजनैतिक दलों का फोकस मुस्लिम समाज पर है।

जबकि हकीकत आपके सामने है कि दलित समाज ही नहीं बल्कि सर्व हिन्दू समाज बीजेपीमय है। केवल कुछ वोटकटवा हैं जो केवल इसलिए चुनाव लड़ रहे हैं ताकि हमारी हिन्दूत्व की लड़ाई को कमजोर किया जा सके। बीजेपी के कार्यकर्ताओं का किसी से कोई मुकाबला नहीं है। ये चुनाव बीजेपी का हर कार्यकर्ता लड़ रहा है। आपही बताईये कि भला बीजेपी कार्यकर्ताओं के सामने चुनाव जीतने की हैसियत में आपको कोई पार्टी या उसका नेता-कार्यकर्ता नजर आ रहा है ? सभी प्रत्याशी केवल नंबर दो आने के लिए आपस में फाइट कर रहे हैं।

प्रश्न 6- जो भी जीतेगा उसे लगभग 2 साल का कार्यकाल मिलेगा। यदि विधायक चुने गए तो गाजियाबाद विधानसभा के लिए क्या करेंगे ?

उत्तर- महज 25 दिन में 250 से ज्यादा कार्यक्रमों में गया हूं। शहर हो या लाईन पार और या एनएच-9 पार के इलाके, सभी में हालात देखें हैं। उन्हें देखकर मेरा सबसे पहला उद्देश्य पूरे लाईन पार क्षेत्र और गाजियाबाद विधानसभा के शहरी इलाके को गंगाजल की सप्लाई दिलवाना है। इसके अलावा एनएच-9 के दूसरी तरफ की कालोनियों के विकास पर फोकस करना है।

उस इलाके को हाईवे बनने के बाद से हो रही दिक्कतों को दूर कराना। जैसे हाईवे के दोनों तरफ सर्विस रोड का निर्माण। आवाजाही के लिए फुट ओवर ब्रिज। क्रासिंग में रहने वाले लोगों के लिए सुबह-शाम का जाम बड़ी समस्या है। उन्हें उससे निजात दिलवानी है। इसके अलावा पूरे विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य-शिक्षा पर बहुत कुछ करने की जरूरत है। दो साल में मेरा फोकस इस पर भी प्राथमिकता से होगा। मैने खुद महसूस किया है कि इस इलाके में एक बड़ा स्टेडियम होना चाहिए।

अपने दो साल के कार्यकाल में मेरा फोकस इस दिशा में युद्ध स्तर पर होगा। लाईन पार क्षेत्र में रक्षा मंत्रालय की बहुत जमीन है। मेरा वरीयता के आधार पर प्रयास रहेगा कि रक्षा मंत्रालय की जमीन पर एक भव्य स्टेडियम का निर्माण कराया जाए । जिसम  सिंथेटिक ट्रेक बने और इस इलाके के युवाओं और बच्चों को अपनी प्रतिभाओं को निखारने के लिए दूर-दराज न जाना पड़े। गाजियाबाद में एम्स का सेटेलाईट सेंटर बनना है। उसका निर्माण जल्द से जल्द लाईन पार में हो और स्थानीय लोगों को उसका लाभ मिले ये भी मेरी वरीयताओं में है।    

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