Yogi ji! आपको पप्पू बना रही गाजियाबाद की नौकरशाही

Yogi

Making fool of Yogi: आंकड़ों के खेल में माहिर नौकरशाही ने इस बार तो हद ही पार कर दी है। IGRS के तहत मिलने वाली शिकायतों के मामले में गाजियाबाद के नौकरशाह अब CM Yogi Adityanath के ऑफिस को भेजी जाने वाली सूचनाओं में ही फर्जीवाड़ा करने लगे हैं। फर्जीवाड़ा भी ऐसे कि आप सुनेंगे तो हैरान रह जाएंगे। आईजीआरएस के जरिये जनसमस्याओं को लेकर होने वाली शिकायतों का निबटारा हो या न हो। मगर सीएम कार्यालय को निस्तारण की झूठी जानकारियां दी जा रही हैं।

इतना ही नहीं सीएम ऑफिस को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में शिकायतकर्ता के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर समस्या का निस्तारण करने औऱ शिकायतकर्ता के संतुष्ट होने का झूठ सीएम कार्यालय को बताया जा रहा है। हाल ही में एक ऐसी ही करतूत उजागर हुई है गाजियाबाद नगर निगम से संबंधित आईजीआरएस के जरिये की गई एक शिकायत के मामले में। जिसमें निगम कर्मियों ने शिकायतकर्ता के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर आईजीआरएस की शिकायत का फर्जी निस्तारण करके सीएम कार्यालय को रिपोर्ट भेज दी कि समस्या का समाधान कर दिया गया है और शिकायतकर्ता संतुष्ट है।

सवाल उठना लाजमी है कि जब नगर निगम से इस तरह की झूठी रिपोर्ट भेजी जा रही हैं, तो बाकी सरकारी महकमों में भी इसी तरह का झूठ का पुलिंदा सीएम कार्यालय को भेजा जाता होगा।

ये है मामला

08 नवंबर 2024 को आईजीआरएस के माध्यम से नगर निगम के प्रकाश विभाग की लापरवाही की एक शिकायत की गई। इस शिकायत में कविनगर सेक्टर-18 में पथ-प्रकाश व्यवस्था में खामियां बताई गईं और अनुरोध किया गया कि इस इलाके में खराब पड़ीं स्ट्रीट लाईटों को दुरुस्त कराकर व्यवस्था ठीक कराई जाए। 11 नवंबर को निगम के प्रकाश विभाग की तरफ से आईजीआरएस से मिली इस शिकायत की बाबत सीएम कार्यालय को अवगत कराया गया कि समस्या का निस्तारण कर दिया गया है और शिकायतकर्ता भी की गई कार्रवाई से संतुष्ट है।

ये थे शिकायतकर्ता

इस शिकायत को आईजीआरएस के जरिये करने वाले शख्स शास्त्रीनगर निवासी व्यापारी नेता अवधेश शर्मा थे। अवधेश शर्मा ने ही कविनगर सेक्टर-18 में खराब पड़ी स्ट्रीट लाईटों की शिकायत आईजीआरएस के माध्यम से की थी। 15 नवंबर को निगम के प्रकाश विभाग की ओर से सीएम कार्यालय को भेजी गई रिपोर्ट की जानकारी जब अवधेश शर्मा को हुई तो वे भौचक्के रह गए।

प्रकाश विभाग ने ऐसे किया खेला

निगम के प्रकाश विभाग की ओर से 15 नवंबर को एक स्ट्रीट लाईट की रिपेयरिंग करके उसके जलते हुए का एक फोटो शेयर कर सीएम ऑफिस को बताया गया कि आईजीआरएस के जरिये 08 नवंबर को मिली शिकायत का निस्तारण कर दिया गया है। साथ ही ये भी दावा किया गया कि महकमें की कार्रवाई से शिकायतकर्ता संतुष्ट है। बाकायदा जो रिपोर्ट भेजी गई उसमें अवधेश शर्मा के हस्ताक्षर भी अंकित थे।

फोटो पांडव नगर की, निस्तारण कविनगर का

नगर निगम के प्रकाश विभाग की करतूत साझा की गई जीपीआरएस फोटो से भी खुल गई। फोटो में कविनगर की जगह लाईट रिपेयर पांडव नगर की साफ नजर आ रही थी। बावजूद इसके शिकायत को पोर्टल पर निस्तारित दिखाकर निगम के कर्मचारी-अफसरों ने कार्यवाही की इतिश्री कर दी।

शिकायतकर्ता के फर्जी हस्ताक्षर

खराब पड़ी स्ट्रीट लाईटों की शिकायत करने वाले व्यापारी नेता अवधेश शर्मा ने बताया कि जब उन्हें इस पूरे गोलमाल का पता चला तो उन्होंने पोर्टल पर जाकर पड़ताल की तो खुलासा हुआ कि निगम कर्मियों ने शिकायत का निस्तारण करने के लिए न सिर्फ दूसरी लोकेशन पर रिपेयरिंग के काम की फोटो का इस्तेमाल किया। बल्कि उनके फर्जी हस्ताक्षर करके शिकायतकर्ता के संतुष्ट होने की झूठी बात भी उच्चाधिकारियों को बताई। अवधेश ने सवाल उठाया है कि जब उनकी एक शिकायत का इस तरह से समाधान हो रहा है, तो हर दिन तमाम सरकारी विभागों में भी जाहिर है कि इसी तरह की करतूत करके उच्चाधिकारियों को भ्रमित किया जाता होगा।

उच्चाधिकारियों से की शिकायत

अक्सर जनसमस्याओं को लेकर जीडीए और नगर निगम अफसरों से शिकायतें करने वाले व्यापारी नेता अवधेश शर्मा ने इस बाबत नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक और आईजीआरएस प्रभारी पल्लवी सिंह से भी व्हॉट्सएप के जरिये शिकायत की। अवधेश ने अफशरों से मांग की कि इस गंभीर प्रकरण में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। क्योंकि मामला फर्जी हस्ताक्षरों के अलावा झूठी निस्तारण संबंधी रिपोर्ट से जुड़ा है। उच्चाधिकारियों ने मामले में जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।

तो ऐसे आ रहा सूबे में रामराज ?

इस मामले ने न सिर्फ केवल निगम के प्रकाश विभाग, बल्कि तमाम सरकारी महकमों में शिकायतों के त्वरित और जल्द से जल्द व ज्यादा से ज्यादा समाधान के दावों पर सवाल उठा दिए हैं। सवाल उठना लाजमी है कि क्या निगम की ही तरह अन्य सरकारी महकमों के अफसर भी इसी तरह का फर्जीवाड़ा करके समस्याओं के निस्तारण की झूठी रिपोर्ट शासन प्रशासन और सीएम ऑफिस को भेज रहे हैं। जिससे ये माना जा रहा है कि प्रदेश रामराज की ओर बढ़ रहा है।

ये भी पढ़े:

ऐसी और खबरों के लिए हमारे सोशल मीडिया फॉलो करे: Twitter Facebook 

Scroll to Top