
Lal Krishna Adwani की चर्चा हो और उनकी देशव्यापी राम मंदिर निर्माण के लिए निकाली गई राष्ट्रव्यापी रथ यात्रा का जिक्र न हो, यह संभव नहीं है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि भारत रत्न से नवाजे जा चुके Lal Krishna Adwani के मन की दो अभिलाषाएं हैं जो आज तक पूरी नहीं हो सकीं। क्या थीं वो दो इच्छाएं, जानने के लिए पढ़ें हमारी यह रिपोर्ट।
स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं पूर्व उप-राष्ट्रपति
Lal Krishna Adwani को रूटीन चेकअप के लिए अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल, डॉक्टर्स की निगरानी में Lal Krishna Adwani की हालत स्थिर बनी हुई है। गौरतलब है कि इससे पहले भी इसी साल अगस्त महीने में उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जुलाई महीने में भी देश के पूर्व गृह मंत्री रहे Lal Krishna Adwani को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एम्स में डॉ. अमलेश सेठ की निगरानी में उनका इलाज किया गया था। उस वक्त Lal Krishna Adwani को यूरोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया था।
अस्पताल ने मेडिकल बुलेटिन किया जारी
अपोलो अस्पताल ने बयान जारी करके बताया है कि भारत के पूर्व उप-प्रधानमंत्री Lal Krishna Adwani को चिकित्सा प्रबंधन और जांच के लिए इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। वे डॉ. विनीत सूरी की देखरेख में हैं और फिलहाल उनकी हालत स्थिर है।
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दिग्गज पल-पल जान रहे हाल
बीजेपी के दिग्गज नेता के अस्पताल में भर्ती होने की खबर ने बीजेपी के मंत्रियों और संगठन से जुड़े लोगों की बेचैनी बढ़ा रखी है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री से लेकर पार्टी अध्यक्ष हों या फिर गृहमंत्री अमित शाह, सभी लगातार उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी चिकित्सकों की टीम से ले रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, महामंत्री अरुण सिंह समेत पार्टी और पार्टी के अन्य संगठनों से जुड़े दिग्गज भी लगातार Lal Krishna Adwani की कुशलक्षेम जानने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य संबंधी हर अपडेट ले रहे हैं।
इसी साल मिला है भारत रत्न

8 नवंबर 1927 को पाकिस्तान के कराची में जन्मे Lal Krishna Adwani ने बीती 8 नवंबर को ही अपना 98वां जन्मदिन मनाया है। Lal Krishna Adwani को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मार्च में उनके आवास पर जाकर Lal Krishna Adwani को यह सम्मान प्रदान किया। इस सम्मान समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और Lal Krishna Adwani के परिवार के सदस्य शामिल हुए थे।
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पद के आगे ‘उप’ का रहा मलाल
Lal Krishna Adwani साल 2002 से 2004 तक भारत के उप-प्रधानमंत्री रहे और 1999 से 2004 तक केंद्रीय गृह मंत्री रहे। जबकि उन्हें देश का उप-राष्ट्रपति बनने का गौरव भी प्राप्त हुआ। बावजूद इसके, उन्हें अपने पदों के आगे लगे “उप” का हमेशा मलाल रहा। मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी की तरह ही Lal Krishna Adwani की भी इच्छा थी कि वे एक बार देश के प्रधानमंत्री पद की शोभा बढ़ाएं। पार्टी ने उन्हें प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट करके चुनाव भी लड़ा, लेकिन उस दौरान पार्टी बहुमत नहीं पा सकी।
इसके विपरीत, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी को यह मौका मिला। अटलजी के कार्यकाल में वे उप-प्रधानमंत्री रहे। मगर प्रधानमंत्री बनने का उनका सपना पूरा न हो सका। पार्टी के पुराने लोग ही कहते रहे हैं कि Lal Krishna Adwani की इच्छा नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद राष्ट्रपति के रूप में महामहिम बनने की थी। मगर, वहां भी उन्हें सिर्फ उप-राष्ट्रपति बनने का ही मौका मिल सका। जाहिर है कि यह मलाल बीजेपी के इस दिग्गज नेता Lal Krishna Adwani को आज भी सालता होगा।
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