
Delhi-NCR वालों और खासकर वेस्टर्न यूपी के निवासियों के लिए यह खबर बेहद अहम है। लगातार बढ़ते प्रदूषण से जूझ रहे लोगों के लिए यह जानकारी कई मायनों में महत्वपूर्ण है। आपको यह जानने की जरूरत है कि क्यों Delhi-NCR और वेस्टर्न यूपी के लोग अधिक गुस्से, तनाव और डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। इस वजह से न केवल अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं, बल्कि आत्महत्या के मामलों में भी इजाफा हो रहा है।
बढ़ता प्रदूषण है बड़ी वजह
हाल ही में एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि वायु प्रदूषकों में सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) अवसाद यानी डिप्रेशन का प्रमुख कारण है। वहीं, पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5) और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे प्रदूषण के कण लोगों में निराशा और तनाव बढ़ा रहे हैं। लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से लोगों में अवसाद की समस्या गहराती जा रही है। ये प्रदूषक जब मिलकर काम करते हैं, तो और अधिक खतरनाक हो जाते हैं।
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यहां हुआ अध्ययन
हार्बिन मेडिकल यूनिवर्सिटी और क्रैनफील्ड यूनिवर्सिटी से जुड़े शोधकर्ताओं ने इस समस्या का अध्ययन किया। यह शोध जर्नल “एनवायर्नमेंटल साइंस एंड इकोटेक्नोलॉजी” में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं ने 12,000 से अधिक चीनी नागरिकों के आंकड़ों का अध्ययन किया और पाया कि इन प्रदूषकों के संपर्क में लगातार रहने से अवसाद का स्तर बढ़ता है।
एक नहीं, कई समस्याएं
डॉक्टर्स का कहना है कि सल्फर डाइऑक्साइड एक प्रमुख वायु प्रदूषक है, जो त्वचा, आंखों, नाक, गले और फेफड़ों की झिल्लियों को नुकसान पहुंचाता है। इसकी उच्च मात्रा श्वसन प्रणाली में सूजन और जलन पैदा करती है। यह समस्या भारी शारीरिक श्रम के दौरान और भी गंभीर हो जाती है। इसी तरह, कार्बन मोनोऑक्साइड रक्त में हीमोग्लोबिन के साथ मिलकर रक्त की ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता को कम कर देती है, जिससे चक्कर आना, बेहोशी और भ्रम जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
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Delhi-NCR और वेस्टर्न यूपी में स्थिति अधिक गंभीर

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ की हालिया रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनिया में हर सातवें 10 से 19 वर्ष के बच्चे को मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं। इनमें अवसाद, बेचैनी और व्यवहार संबंधी समस्याएं प्रमुख हैं। भारतीय बच्चों और किशोरों में भी बढ़ता डिप्रेशन एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। Delhi-NCR की हवा में पीएम 2.5 का स्तर WHO द्वारा निर्धारित मानकों से कई गुना अधिक पाया जाता है।
अपराध और आत्महत्या के बढ़ने की बड़ी वजह
मनोचिकित्सकों का मानना है कि Delhi-NCR और वेस्टर्न यूपी में प्रदूषण की यह भयावह स्थिति लोगों में न केवल अवसाद और तनाव को बढ़ा रही है, बल्कि बढ़ते अपराधों के पीछे का एक बड़ा कारण भी बन रही है। इसके अलावा, तनाव के कारण आत्महत्या के मामलों में हो रही वृद्धि का एक प्रमुख कारण भी यही है।
प्रदूषण कम करने के उपाय
प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचने और इसे कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करें।
- बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए निजी वाहन की जगह स्कूल बस का प्रयोग करें।
- ऑफिस जाने के लिए सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करें।
- स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए साइकिल का इस्तेमाल करें।
- सौर ऊर्जा का अधिक उपयोग करें, जिससे पैसे और पर्यावरण दोनों का फायदा होगा।
- बगीचे की सूखी पत्तियों को जलाने की जगह उनका खाद बनाकर उपयोग करें।
Delhi-NCR और वेस्टर्न यूपी में प्रदूषण न केवल स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्थिति को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। इसके समाधान के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
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