
Delhi Election: देश की राजधानी और दिलवालों का शहर कही जाने वाली दिल्ली में Delhi Election की सरगर्मियां तेज हैं। अन्ना आंदोलन के जरिए कांग्रेस को केंद्र शासित इस प्रदेश से उखाड़ फेंकने में सफल रही बीजेपी के सामने अब वही टीम केजरीवाल चुनौती बनकर खड़ी है। यह वही आम आदमी पार्टी है, जिसे बीजेपी और आरएसएस ने कांग्रेस का सफाया करने के लिए कभी समर्थन दिया था। लेकिन यह अनुमान नहीं था कि यह पार्टी इतनी जल्दी बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन जाएगी। दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों में सत्ता हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी को Delhi Election में हराने के लिए बीजेपी ने खास रणनीति तैयार की है।
इस बार, बीजेपी ने गाजियाबाद के सांसद अतुल गर्ग को Delhi Election का सह-प्रभारी बनाया है। साथ ही, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिन्दूवादी नेता के रूप में उभर रहे लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर को भी दिल्ली से सटे इलाकों पर फोकस करने का निर्देश दिया गया है। बीजेपी को उम्मीद है कि अतुल गर्ग के जरिए वैश्य मतदाताओं और नंदकिशोर गुर्जर के माध्यम से हिंदूवादी मतदाताओं को साधा जा सकेगा। Delhi Election में ये दोनों गाजियाबादी नेताओं की सफलता का फैसला आने वाले नतीजे करेंगे।
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पुराने गाजियाबादी अतुल गर्ग का दिल्ली में बढ़ता प्रभाव

अतुल गर्ग, जो गाजियाबाद के पुराने वैश्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं, कई बार विधायक और अब सांसद के रूप में अपनी छवि मजबूत कर चुके हैं। गाजियाबाद से सटी दिल्ली में उनकी रिश्तेदारियां और जनसंपर्क पहले से ही मजबूत हैं। यही वजह है कि बीजेपी ने Delhi Election में उन्हें सह-प्रभारी जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है।
चुनाव से ठीक पहले पार्टी ने उन्हें दिल्ली में शिफ्ट होने का निर्देश दिया है। उनकी सोशल मीडिया पोस्ट इस बात का सबूत हैं कि वे इन दिनों अपने संसदीय क्षेत्र से ज्यादा Delhi Election पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। अतुल गर्ग की पार्टी में मौजूदगी दिल्ली चुनाव के दौरान वैश्य मतदाताओं को साधने के लिए उपयोगी साबित हो सकती है।
2027 को भी ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं अतुल गर्ग
अतुल गर्ग न सिर्फ Delhi Election बल्कि अपने संसदीय क्षेत्र में 2027 के चुनाव को भी ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं। हरियाणा चुनाव में भी उनकी भूमिका पार्टी हित में काफी सराही गई थी। यही वजह है कि Delhi Election के साथ-साथ वे गाजियाबाद के मतदाताओं को भी बराबर समय दे रहे हैं। हाल ही में गोधरा एक्सप्रेस फिल्म देखने के दौरान उनकी गाजियाबादियों के साथ मौजूदगी इसका उदाहरण है।
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नंदकिशोर गुर्जर की भूमिका Delhi Election 2025 में अहम

लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर की गिनती पश्चिमी यूपी के फायरब्रांड हिन्दूवादी नेताओं में होती है। छात्र राजनीति से उभरकर, नंदकिशोर ने बीजेपी में अपनी जगह मजबूत की है। Delhi Election में पार्टी ने उन्हें विशेष तौर पर फोकस करने का निर्देश दिया है।
नंदकिशोर की सोशल मीडिया गतिविधियों और उनके बयानों में इन दिनों Delhi Election से संबंधित मुद्दे छाए हुए हैं। वे हिंदुत्व से जुड़े मुद्दों को अपने अंदाज में उठाकर बीजेपी को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
Delhi Election 2025 पर नंदकिशोर का फोकस
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर के साथ विवादों में रहे नंदकिशोर फिलहाल दिल्ली चुनाव पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हाल ही में दिए गए उनके बयान, जैसे जामा मस्जिद और अन्य सार्वजनिक स्थलों को लेकर, सीधे Delhi Election से जुड़े मुद्दे हैं। उन्होंने रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठाकर दिल्ली के एलजी को जांच कमेटी गठित करने की मांग की थी।
नंदकिशोर की हिन्दूवादी छवि Delhi Election में बीजेपी को कितना लाभ पहुंचाएगी, यह चुनावी नतीजों पर निर्भर करेगा।
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