
Planted Murder in Ghaziabad: तंगहाली के दौर में सुसाइड करने की घटनाएं अब मानो ऐसे हो गई हैं जैसे महज एक हादसे की सूचना। जबसे मीडिया ने ग्राउंड रिपोर्टिंग की बजाय सिर्फ व्हाट्स एप रिपोर्टिंग शुरू की है, तबसे हालात और ज्यादा बदतर हो गए हैं। साहिबाबाद के शालीमार गार्डन थाना क्षेत्र में हुई एक दंपति की सुसाइड की घटना पर दो दिन से हुई रिपोर्टिंग भी यही कहानी बता रही है। लेकिन मैने अपने स्तर पर जो छानबीन की है उससे आपको रू-ब-रू कराने के लिए मैं इस गंभीर मामले पर सीरीज की शुरूआत करने जा रहा हूं। मेरी सीरीज की ये पहली किश्त है, जो आपको बता रही है कि कैसे इस दोहरे सुसाइड केस के गुनहगार सिर्फ वो नहीं, जो पुलिस के द्वारा दर्ज की गई एक या दो नहीं बल्कि तीन-तीन एफआईआर वाले हैं, बल्कि इसके पीछे असली दोषी है खाकी-खद्दर और क्रिमिनल का सूदखोरों के साथ नाड़े से नाड़ा बंधा होना। जबकि पुलिस खाकी और खद्दर को दागदार होने से बचाने के लिए सिर्फ एक गुंडे और इस वारदात के नामजद आरोपियों पर ही जांच को टिकाकर कार्रवाई की इतिश्री करने की तैयारी कर रही है।
पहले जान ले क्या है मामला

दिल्ली के गोकुलपुरी निवासी पंकज गुप्ता (51) अपनी पत्नी रीना (50) और 12 वर्षीय मंदबुद्धि बेटे के साथ शालीमार गार्डन एक्सटेंशन-2 में रहते थे। पंकज रोजाना अपने बेटे को राजेंद्र नगर में रहने वाले अपने पिता मुकुटलाल के पास छोड़ते और शाम को वापस लेकर आते।
मंगलवार की शाम जब पंकज बेटे को लेने नहीं पहुंचे, तो उनके पिता ने बड़े बेटे राजकुमार को फोन किया। राजकुमार जब पंकज के फ्लैट पर पहुंचे, तो उन्होंने दरवाजा खोलकर अंदर देखा। वहां एक कमरे में रीना का शव फंदे पर लटका था और डाइनिंग हॉल में पंकज का शव फंदे से लटका हुआ था।
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पुलिस का दावा: डायरी में लिखा सुसाइड का कारण
पुलिस का कहना है कि फ्लैट से मिली एक डायरी में 12 पन्नों पर लाखों के कर्ज और कर्ज देने वालों द्वारा परेशान किए जाने का जिक्र है। इसमें आत्महत्या की बात भी लिखी गई है। पुलिस ने डायरी के आधार पर दो लोगों – ध्रेय नेगी और श्याम सिंह – को गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
Suicide नहीं, यह Planted Murder है
पुलिस की जांच और एफआईआर से यह मामला आत्महत्या का लग सकता है, लेकिन असल में यह एक Planted Murder है। इसमें खाकी और अपराधियों के साथ खादी-खद्दर का भी बड़ा हाथ है। यह गठजोड़ न सिर्फ स्थानीय स्तर पर, बल्कि राजधानी तक फैला हुआ है।
पुलिस की जांच में कई परतें खुलेंगी, लेकिन संभावना है कि ताकतवर लोगों के दबाव में जांच का रुख मोड़ दिया जाएगा। आरोपियों की हैसियत और प्रभाव के हिसाब से इस मामले को खत्म करने की कोशिशें की जाएंगी।
गंभीर मुद्दा: खाकी-खद्दर और अपराध का गठजोड़
इस घटना ने फिर से दिखा दिया है कि कैसे खाकी (पुलिस) और खद्दर (राजनीति) अपराधियों के साथ जुड़े होते हैं। यह मामला सिर्फ पंकज और रीना की मौत का नहीं है, बल्कि सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार और अपराधियों के साथ गठजोड़ का बड़ा उदाहरण है।
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