BJP: महानगर अध्यक्ष पद को लेकर बीजेपी में चरम पर ‘घमासान’

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Conflict in BJP: BJP में महानगर अध्यक्ष के पद को लेकर रस्साकशी का दौर घमासान का रूप ले चुका है। जहां ठाकुर समाज के दावेदारों के पक्ष में एक धड़ा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जंग का ऐलान कर चुका है, वहीं भीतरखाने ओबीसी समाज के नेता भी घेराबंदी कर रहे हैं। सभी के टारगेट पर ब्राह्मण और वेश्य समाज के BJP नेता हैं। उधर, इनकी आपसी लड़ाई में दलित समाज भी इस मौके को भुनाने की जुगत में लगा है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि महानगर अध्यक्ष की कुर्सी किसके हाथ लगती है।

तीन गुटों में बंटी बीजेपी

संगठन चुनाव से पहले पार्टी तीन गुटों में बंट गई है। हर गुट के महानगर अध्यक्ष सीट के अलग-अलग दावेदार हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो एक गुट अतुल गर्ग-संजीव शर्मा का है तो दूसरे गुट के मुखिया दिनेश गोयल-सुनीता दयाल हैं। तीसरा गुट सुनील शर्मा-आशु वर्मा वाला है। इन तीनों ही गुटों में अलग-अलग लोग महानगर अध्यक्ष पद से दावेदारी कर रहे हैं।

जहां अतुल गर्ग-सुनील शर्मा गुट अपने किसी चहेते की ताजपोशी कराने की जुगत में है, वहीं दिनेश गोयल और सुनीता दयाल अपने गुट के शख्स को महानगर की कुर्सी पर बैठाना चाह रहे है। इनके इतर सुनील शर्मा-आशु वर्मा गुट अपने किसी शख्स की ताजपोशी की कोशिश में लगा है।

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अतुल-संजीव गुट के दावेदार

इस गुट के दावेदारों में सबसे पहला और सबसे मजबूत दावेदार ओबीसी कोटे से आने वाले पप्पू पहलवान को बताया जा रहा है जबकि इनके अलावा वैश्य समाज की ओर से गोपाल अग्रवाल की दावेदारी है। यदि पार्टी त्यागी समाज से किसी को महानगर अध्यक्ष बनाना चाहेगी तो इस टीम से बॉबी त्यागी का नाम प्रमोट किया जा रहा है। यदि नंबर दलित समाज के किसी भाजपाई का लगता है, तो इस गुट से नाम सुशील गौतम का लिया जाना तय है।

दिनेश गोयल-सुनीता दयाल गुट के दावेदार

ये गुट केवल वैश्य समाज के शख्स की ताजपोशी महानगर अध्यक्ष के पद पर कराना चाह रहा है। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि इस गुट की ओर से वैश्य समाज के दो लोगों को प्रमोट किया जा रहा है। इनमें पहला नाम पवन गोयल का तो दूसरा नाम मयंक गोयल का है।

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सुनील-आशु गुट के दावेदार

इस जिले की भगवा राजनीति में यदि किसी भाजपाई को सांसद बने अतुल गर्ग की टक्कर का कहा जा सकता है तो वो फिलहाल वह नाम कैबिनेट मंत्री का तमंगा लगने के बाद सिर्फ सुनील शर्मा का है। इस गुट में पूर्व मेयर आशु वर्मा उनके अहम सहयोगी हैं। इस गुट की ओर से महानगर अध्यक्ष के दावेदारों में मानसिंह का नाम सबसे ऊपर है। वो पहले भी महानगर अध्यक्ष रह चुके हैं। मानसिंह के अलावा इस गुट से दो दावेदार त्यागी समाज से हैं। इनमें प्रेस त्यागी और सुधीर त्यागी के नाम प्रमुख बताए जा रहे हैं। जबकि दलित महानगर अध्यक्ष बनने की दशा में प्रदीप चौहान की दावेदारी तय है।

तब ही तो मीडिया के सामने बोला ठाकुर समाज

BJP से जुड़े तमाम ठाकुर समाज के लोग महानगर अध्यक्ष पद की दौड़ में किसी भी ठाकुर समाज के नेता की दावेदारी को पार्टी के तीनों गुटों का समर्थन नहीं मिलने से नाराज हैं। यही वजह है कि BJP से जुड़े ठाकुर समाज ने मीडिया के सामने आकर न सिर्फ अपनी पीड़ा बताई बल्कि चेतावनी भी दे डाली कि महानगर अध्यक्ष पद पर यदि किसी ठाकुर समाज के शख्स की ताजपोशी नहीं हुई तो विरोध होगा।

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ये वजह है ठाकुर समाज की नाराजगी की

पहले रमेश चंद्र तोमर बीजेपी सांसद के रूप में जिले के ठाकुर समाज का नेतृत्व करते थे। उनके बाद राजनाथ सिंह, फिर वी.के.सिंह। मगर, अब जिले में मेयर, सांसद से लेकर कोई विधायक तक ठाकुर समाज से नहीं है। ठाकुर समाज से जुड़े भाजपाई इसी वजह से महानगर की सीट पर किसी ठाकुर समाज के नेता की ताजपोशी की मांग कर रहे हैं।

विरोधियों का ये है तर्क

ठाकुर समाज की दावेदारी पर बीजेपी के लोग ही कह रहे हैं कि पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र सिसोदिया ठाकुर समाज से हैं। जबकि गाजियाबाद से सटे नोएडा से विधायक पंकज सिंह भी ठाकुर समाज से हैं। जबकि धौलाना के धर्मेश तोमर भी ठाकुर समाज से ही हैं। फिर ये कहना गलत है कि ठाकुर समाज को तवज्जों नहीं मिल रही।

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