
ITBP Inspector in Honeytrap Gang: मुरादाबाद पुलिस ने एक ऐसे मामले का खुलासा किया है, जिसने सभी को चौंका दिया है। बरेली के रहने वाले अनुज नामक व्यक्ति, जिसने हाल ही में ITBP (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के इंस्पेक्टर पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ली थी, को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का दावा है कि अनुज कुछ महिलाओं के साथ मिलकर एक हनीट्रैप गैंग चला रहा था। इस गिरोह का काम लोगों को जाल में फंसाकर उनसे पैसे वसूलना था।
खुद को बताता था पुलिस का एसीपी
गिरफ्तार किए गए अनुज ने अपनी पहचान छिपाने के लिए खुद को पुलिस का एसीपी (असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस) बताना शुरू कर दिया था। पुलिस के मुताबिक, उसने अपने घर के बाहर बाकायदा एसीपी के नाम की नेमप्लेट लगाई हुई थी। यह नेमप्लेट लोगों को भ्रमित करने और अपने गिरोह के काम को सुगमता से चलाने के लिए लगाई गई थी।
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महिलाओं के साथ मिलकर चलाता था गिरोह
अनुज अकेले नहीं था, बल्कि उसने अपने साथ कुछ महिलाओं को भी इस गिरोह में शामिल कर रखा था। ये महिलाएं लोगों को अपने जाल में फंसाने का काम करती थीं। पुलिस की जांच में सामने आया है कि ये महिलाएं पहले लोगों से दोस्ती करती थीं और फिर उन्हें फंसाकर उनसे पैसों की मांग करती थीं। अगर कोई व्यक्ति पैसे देने से मना करता, तो उसे हनीट्रैप के नाम पर बदनाम करने की धमकी दी जाती थी।
पुलिस को मिले चौंकाने वाले सबूत
मुरादाबाद पुलिस के अधिकारी रणविजय सिंह ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को इस गैंग से जुड़े कुछ वीडियो भी मिले हैं। इन वीडियो में पीड़ितों को ब्लैकमेल करने की पूरी योजना का खुलासा होता है। पुलिस को शक है कि इन वीडियो का इस्तेमाल पीड़ितों से वसूली करने के लिए किया गया होगा।
पुलिस ने इस मामले में पहले भी दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनसे पूछताछ के बाद अनुज तक पहुंचने में सफलता मिली। गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस गैंग में करीब एक दर्जन लोग शामिल हो सकते हैं।
गैंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी
पुलिस अधिकारी रणविजय सिंह ने बताया कि यह मामला बेहद गंभीर है और इस पर गहराई से जांच की जा रही है। पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम गठित की है। इसके साथ ही, पुलिस यह भी जांच कर रही है कि अब तक इस गैंग ने कितने लोगों को अपना शिकार बनाया है और कितनी रकम वसूली गई है।
कैसे फंसाते थे लोगों को?
इस गिरोह की कार्यप्रणाली बेहद शातिर थी। पहले गिरोह की महिलाएं सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से लोगों से संपर्क करती थीं। दोस्ती बढ़ाने के बाद, वे उनसे मिलने के लिए कहती थीं। मुलाकात के दौरान, वे ऐसी परिस्थितियां पैदा करती थीं, जहां पीड़ित को फंसाने के लिए वीडियो या तस्वीरें बनाई जा सकें। इसके बाद, इन वीडियो और तस्वीरों के जरिए उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था।
पुलिस की कार्रवाई से हो सकता है बड़ा खुलासा
इस मामले में पुलिस की कार्रवाई ने हनीट्रैप गैंग के खिलाफ सख्त संदेश दिया है। हालांकि, इस गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के बाद और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। पुलिस ने बताया कि गिरोह से जुड़े लोगों की सूची तैयार की जा रही है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
जनता को पुलिस की अपील
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे इस तरह के किसी भी जाल में न फंसें। अगर किसी व्यक्ति को इस प्रकार के गिरोह के बारे में जानकारी हो या किसी को ब्लैकमेल किया जा रहा हो, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें।
ITBP जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से जुड़ा एक पूर्व इंस्पेक्टर हनीट्रैप जैसे अपराध में लिप्त पाया जाना न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि यह समाज में बढ़ते अपराधों की गंभीरता को भी दर्शाता है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से यह साफ है कि ऐसे अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। उम्मीद है कि इस मामले की गहराई से जांच करके पुलिस जल्द ही इस गैंग के अन्य सदस्यों को भी सलाखों के पीछे पहुंचाएगी। ITBP की यह घटना सभी के लिए एक चेतावनी है कि हमें सतर्क और जागरूक रहना चाहिए।
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