
Theft of Bhagwat Geeta: विजयनगर कोतवाली क्षेत्र के प्रताप विहार इलाके में श्रीमद भागवत कथा के आयोजन स्थल से Bhagwat Geeta ग्रंथ की चोरी का मामला जहां ग्रंथ की बरामदगी के बाद सुलझ गया, वहीं इसे लेकर शुरू हुआ दो गुटों का विवाद अभी भी जारी है। वजह ये कि इस Bhagwat Geeta की चोरी किसने की उसके बारे में अब तक न तो कोई खुलासा हुआ है औऱ न गिरफ्तारी। इस मामले को लेकर दो गुट आमने सामने हैं।
एक गुट जहां ग्रंथ की बरामदगी से खाकी की जय-जयकार कर रहा है, तो दूसरा गुट मांग कर रहा है कि ये खुलासा किया जाए कि इस चोरी की घटना में किसका हाथ था। खासकर इस गुट में वो लोग हैं जिन पर चोरी करने या कराने का शक जताकर पुलिस से पूछताछ कराई गई। सबसे ज्यादा हैरानी की बात ये है कि दोनों ही गुटों में सत्तारूढ़ दल से जुड़े लोग हैं। जिससे साफ है कि Bhagwat Geeta की चोरी को लेकर इलाके के भाजपाईयों की आपसी गुटबाजी पुलिस के लिए सिरदर्द बन गई है।
ये है घटनाक्रम
- 15 दिसंबर से शुरू हुई भागवत कथा
- 19 दिसंबर की रात पंडाल से भागवथ ग्रंथ की चोरी
- 20 से 27 दिसंबर तक पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की
- 28 दिसंबर को पुलिस ने Bhawat Geeta की बरामदगी, चोर का पता नहीं
- 29 दिसंबर को दो पक्ष आमने-सामने
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पुलिस ने 14 लोगों से की पूछताछ
इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने वाले आयोजन समिति के अध्यक्ष राजेश शर्मा की ओर से 20 दिसंबर को अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने आयोजन समिति से जुड़े लोगों की आशंका और पड़ताल के दौरान सामने आई सीसीटीवी फुटेज के आधार पर करीब 14 लोगों से पूछताछ की। लेकिन साफ नहीं हो पाया कि इस घटना को किसने और क्यों अंजाम दिया है।
मामले में पार्षद प्रतिनिधि से भी हुई थी पूछताछ
इस मामले में पुलिस ने प्रताप विहार के रहने वाले कुल 14 लोगों से पूछताछ की थी। इनमें इलाके की पार्षद सीमा यादव और उनके पति पूर्व पार्षद औऱ बीजेपी नेता संतराम यादव के प्रतिनिधि अरूण मिश्रा से भी पुलिस ने पूछताछ की थी। लेकिन पूछताछ में कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा तो पुलिस ने सभी लोगों को छोड़ दिया।
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पुलिस का ये दावा
Bhagwat Geeta की बरामदगी को लेकर कार्यवाहक एडिशनल सीपी और सिटी डीसीपी राजेश कुमार का कहना है कि शनिवार को अज्ञात व्यक्ति की सूचना पर पुलिस ने हिंडन पार इलाके से चोरी हुए ग्रंथ की सकुशल बरामदगी की है जबकि इसे चोरी किसने किया इसकी पड़ताल जारी है।
पार्षद पति का कहना

इस मामले में इलाके की पार्षद सीमा यादव के पति और बीजेपी नेता व पूर्व पार्षद संतराम यादव की मानें तो भले ही पुलिस ने ग्रंथ बरामद कर लिया है। मगर, ये साफ होना जरूरी है कि इस घटना की सच्चाई क्या है ? यदि ग्रंथ चोरी हुआ तो इसमें किसका हाथ था ये साफ हो। या फिर इस बात का खुलासा पुलिस करे कि ये घटना हुई भी थी या नहीं ? यदि इस घटना को जान-बूझकर किसी ने कराया तो उससे भी पर्दा उठना चाहिए। ताकि जितने लोग इस चोरी की वजह से पुलिस के शक के दायरे में आने की वजह से निर्दोष होकर भी संदिग्ध की भूमिका में आए उनकी धूमिल हुई छवि साफ हो सके।
दूसरा पक्ष पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट
इस आयोजन में शामिल दूसरे पक्ष के लोग ग्रंथ की बरामदगी से बेहद खुश हैं। और आयोजन स्थल पर पुलिस के ग्रंथ लेकर पहुंचने पर उनकी खूब जय-जयकार भी की। मगर, ये पक्ष भी जानना चाहता है कि इस वारदात को अंजाम किन लोगों ने दिया या दिलाया।
इस पक्ष के लोगों का आरोप है कि इस आयोजन की वजह से नाराज चल रहे एक पक्ष के लोगों के द्वारा इस घटना को अंजाम दिलाया गया है, ताकि भागवत कथा के आयोजन में व्यवधान डाला जा सके हैं। इस पक्ष के लोगों का यहां तक आरोप है कि पुलिस पर दवाब होने की वजह से संभवत: पुलिस इस घटना में शामिल रहे लोगों के नाम से पर्दा नहीं हटा रही है।
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चोर पकड़ा जाए तो खत्म हो विवाद
गौरतलब है कि Bhagwat Geeta की चोरी की घटना से नाराज लोगों ने रविवार को संतों की एक पंचायत का आयोजन करने का ऐलान किया था। मगर, देर रात ही ग्रंथ की बरामदगी की जानकारी के बाद ये आयोजन तो नहीं हुआ। मगर, ये सवाल अभी भी सवाल बना है कि ग्रंथ की चोरी किसने औऱ क्यों की ? या फिर ग्रंथ की चोरी के पीछे की कहानी कुछ और ही थी।
आयोजन समिति अध्यक्ष ने ये कहा

इस मामले को लेकर आयोजन समिति के अध्यक्ष राजेश शर्मा से फोन पर बात की तो उन्होंने ग्रंथ की बरामदगी पर संतोष जताया। चोरों के बारे में खुलासे के सवाल पर उन्होंने बताया कि विजयनगर कोतवाल ने उन्हें बताया है कि मामले में दो युवकों की भूमिका संदिग्ध मिली है। पड़ताल की जा रही है। जल्द ही उसका भी खुलासा किया जाएगा। ताकि ये साफ हो सके कि ग्रंथ की चोरी के पीछे मंशा क्या थी और किसका हाथ था ?
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