C-295 विमान निर्माण की दिशा में आज Prime Minister Narendra Modi और Spanish Prime Minister Pedro Sanchez एक ऐतिहासिक पहल करने जा रहे हैं। गुजरात के वडोदरा में यह नई निर्माण सुविधा टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स के तहत स्थापित की जा रही है, जो भारतीय वायुसेना के पुराने AVRO-748 विमानों की जगह अत्याधुनिक C-295 विमानों का निर्माण करेगी।

एयरबस और भारत का सहयोग: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक बड़ा कदम
C-295 विमान कार्यक्रम भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 2021 में, भारतीय रक्षा मंत्रालय ने Spanish company Airbus Defense and Space SA के साथ ₹21,935 करोड़ के एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। इस अनुबंध के तहत कुल 56 C-295 विमानों की आपूर्ति की जाएगी। इसमें से 16 विमान सीधे एयरबस द्वारा निर्मित होकर स्पेन से भारत को दिए जाएंगे, जबकि शेष 40 का निर्माण भारत में Tata Aircraft Complex में किया जाएगा।
इस पहल से भारत को विदेशी निर्भरता से मुक्ति मिलने के साथ ही सैन्य विमानों के निर्माण में आत्मनिर्भरता भी हासिल होगी। यह विमान न केवल भारतीय वायुसेना के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा बल्कि भारतीय निजी उद्योग को वैश्विक एयरोस्पेस बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाएगा।
भारत में पहली बार निजी क्षेत्र में सैन्य विमान का निर्माण
यह पहला मौका है जब किसी भारतीय निजी कंपनी को सैन्य विमान निर्माण के क्षेत्र में इतनी महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है। Tata Aircraft Complex, Tata Advanced Systems Limited (TASL) कैंपस के तहत काम करेगा, और इसका उद्घाटन वडोदरा में किया जा रहा है। यह परियोजना भारत के निजी उद्योग को अपने बल पर सैन्य विमान बनाने का अधिकार देगी, जो भारतीय रक्षा क्षेत्र के विकास में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
Defence Minister Rajnath Singh ने इस अवसर पर इसे भारतीय एयरोस्पेस उद्योग के लिए “एक विशेष दिन” बताते हुए कहा , “C-295 परियोजना भारत में एक बड़ा परिवर्तन लाने वाली है। यह भारत के एयरोस्पेस क्षेत्र को वैश्विक मानकों तक पहुंचाने में मदद करेगी और रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और मजबूत करेगी।”
C-295: एक बहुपयोगी और उच्च तकनीक युक्त विमान
C-295 एक अत्याधुनिक परिवहन विमान है, जो 5-10 टन की भार क्षमता रखता है। इसमें नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह विमान भारतीय वायुसेना के पुराने AVRO-748 विमानों की जगह लेने के लिए पूरी तरह सक्षम है। यह विमान सामरिक परिवहन के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है, और इसे विभिन्न प्रकार के ऑपरेशनों में उपयोग किया जा सकता है।
इस विमान की खासियतें इसे अत्यधिक बहुमुखी बनाती हैं। यह 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर्स को ले जाने की क्षमता रखता है और उन स्थानों पर भी आसानी से पहुंच सकता है जहां भारी विमानों के लिए जाना मुश्किल होता है। इसका डिजाइन इसे रेगिस्तान, समुद्र, और कठिन मौसम की परिस्थितियों में दिन और रात के मिशन को संचालित करने में सक्षम बनाता है।
C-295 विमान में सैनिकों और कार्गो की त्वरित प्रतिक्रिया और पैरा-ड्रॉपिंग के लिए एक रैंप डोर भी है। इसके अलावा, यह कम समय में अर्ध-तैयार सतहों से भी उड़ान भर सकता है, जो इसे सामरिक दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
स्थानीय एयरोस्पेस उद्योग को बढ़ावा देने वाली परियोजना
इस परियोजना का उद्देश्य न केवल भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को बढ़ाना है बल्कि भारतीय एयरोस्पेस उद्योग को भी सशक्त बनाना है। Tata Aircraft Complex में C-295 का निर्माण करने से भारतीय उद्योग को तकनीकी ज्ञान, डिजाइन, निर्माण और रखरखाव के क्षेत्र में भी अनुभव मिलेगा। इस परियोजना से भारत के इंजीनियरों और तकनीशियनों को उच्च तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त होगा, जो भविष्य में भारत के एयरोस्पेस उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक साबित होगा।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
Prime Minister Modi ने कहा है कि यह परियोजना भारत को एक रक्षा निर्माण शक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए एक मजबूत आधारशिला है। उनका मानना है कि भारत अपनी रक्षा आवश्यकताओं के लिए विदेशी देशों पर निर्भर नहीं रह सकता, और यह परियोजना इसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है।
स्थानीय उद्योगों का स्वदेशी तकनीक में योगदान
C-295 विमान में स्वदेशी तकनीक का भी उपयोग किया गया है। सभी 56 विमानों में Indian DPSUs – Bharat Electronics Limited और Bharat Dynamics Limited द्वारा निर्मित स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट लगाए जाएंगे। यह स्थानीय उद्योगों को अधिक अवसर प्रदान करेगा और भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और भी सशक्त बनाएगा।
वैश्विक एयरोस्पेस बाजार में भारत की साख
टाटा और एयरबस का यह सहयोग भारत को वैश्विक एयरोस्पेस उद्योग में एक प्रमुख भूमिका निभाने का अवसर देगा। भारत में विमान निर्माण का अनुभव भारत को इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में सहायक साबित होगा। यह परियोजना भारत को रक्षा उपकरणों के निर्माण में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगी और भविष्य में अन्य देशों के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बनेगी।
भारतीय वायुसेना के लिए सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण
भारतीय वायुसेना के लिए C-295 का निर्माण सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारतीय वायुसेना को अब अपने पुराने AVRO-748 विमानों के स्थान पर आधुनिक और बहुमुखी C-295 विमान मिलेगा, जो न केवल सामरिक परिवहन में बल्कि देश की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसका उपयोग सामरिक सैनिक परिवहन, रसद संचालन, और उन दूरस्थ स्थानों में रसद आपूर्ति के लिए किया जा सकेगा, जहां भारी विमान पहुंचने में सक्षम नहीं होते हैं।
वडोदरा का एयरोस्पेस हब के रूप में विकास
वडोदरा में Tata Aircraft Complex के उद्घाटन के साथ, वडोदरा एयरोस्पेस हब के रूप में विकसित हो रहा है। यह सुविधा न केवल विमान निर्माण में एक बड़ा योगदान देगी, बल्कि स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा देगी। यहां का संयंत्र स्थानीय युवा इंजीनियरों और तकनीशियनों के लिए रोजगार के नए अवसर लेकर आएगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।