गोयल बंधुओं की नाराजगी क्या बसपा को दिला पाएगी ‘परम’ आनंद ?

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BSP का वैश्य समाज पर फोकस: बड़ी पुरानी कहावत है कि आजकल इंसान अपने सुख से सुखी कम होता है, दूसरे के दुख में ज्यादा खुश रहता है। बीजेपी से मयंक गोयल को टिकट नहीं मिलने से जहां बीजेपी का एक खेमा बेहद खुश है, तो वहीं यही हाल कांग्रेस का भी है। कांग्रेस से इस बार चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर चुके सुशांत गोयल पार्टी के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले से जहां बेहद मायूस हैं, वहीं उनकी पार्टी का ही एक उनका विरोधी गुट इस बात से बेहद खुश है।

जहां बीजेपी-कांग्रेस के मजबूत राजनैतिक परिवारों के दोनों गोयल बंधु टिकट नहीं मिलने से बेहद नाराज हैं, वहीं उनकी अनदेखी से वैश्य समाज का एक बड़ा धड़ा भी दोनों पार्टियों के इस व्यवहार की वजह से खासा नाराज है।सूत्र तो ये भी बता रहे हैं कि मयंक और सुशांत और उनके समर्थक अपनी-अपनी पार्टी से चुनाव लड़ने या लड़ाने वाले उम्मीदवारों की भीतरखाने मुखालफत में जुटे हैं और खासकर वैश्य समाज के लोगों से किसी अन्य को वोट देने को कह भी रहे हैं।

ये जानकारी बहुजन समाज पार्टी के लिए सबसे ज्यादा आनंद की अनुभूति कराने वाली है। क्योंकि मैंदान में सिर्फ उनकी पार्टी से ही वैश्य समाज के प्रत्याशी हैं। अब देखना ये होगा कि 20 नवंबर को परमानंद वैश्य समाज के कितने वोटों के साथ दलित और मुस्लिम मतदाताओं को अपने पाले में लाकर इस चुनाव में खुद को साबित कर पाते हैं।

बोंझा निवासी परमानंद ( BSP प्रतियाशी )

परमानंद गर्ग यूं तो मूल रूप से गाजियाबाद के बोंझा गांव के मूल निवासी हैं और पिछले काफी वक्त से पटेल नगर में रह रहे हैं। व्यापारी और कारोबारी परमानंद गर्ग शिक्षा के क्षेत्र से भी जुड़े हैं। लेकिन राजनीति में उनके परिवार में वो पहले शख्स हैं जिन्होंने इस चुनाव के जरिये एंट्री की है। परमानंद गर्ग की बगल के बुलंदशहर जिले में रिश्तेदारियां भी हैं। लिहाजा वहां के कुछ व्यापारी नेता और संगठन भी गाजियाबाद के व्यापारियों से संपर्क करके परमानंद के पक्ष में बिरादरी में माहौल बना रहे हैं।

मयंक-सुशांत से मुलाकात की चर्चा

सूत्र बताते हैं कि परमानंद गर्ग ने कुछ वैश्य समाज से जुड़े कद्दावर लोगों के जरिये मयंक और सुशांत गोयल से मुलाकात की है और समाज के लोगों से उनके पक्ष में वोट करने की अपील भी की है। सूत्रों का हालाकि दावा है कि मयंक और सुशांत ने अपनी अपनी पार्टी से जुड़े और अपने निजी संबंध वाले कुछ मजबूत लोगों के जरिये उनकी चुनाव में मदद का भरोसा दिलाया है। हालाकि इस बात की पुष्टि न तो परमानंद कर रहे हैं और ना मयंक और सुशांत। ये लोग इस खबर को कोरी अफवाह बता रहे हैं। लेकिन खासकर वैश्य समाज में इस बात की बेहद जोरो पर चर्चा हो रही है।

बीजेपी के कई और दिग्गजों के सहयोग की चर्चा

हकीकत क्या है ये तो वो ही जानते हैं जो इन दिनों चर्चा का विश्य बने हैं, मगर चर्चा तो ये भी हो रही है कि बीजेपी से संजीव शर्मा और उन्हें टिकट दिलाने वाले अतुल गर्ग से नाराज एक धड़ा जो खासकर वैश्य समाज से है भीतरखाने अपने खास लोगों को परमानंद को ही वोट देने के लिए कह रहा है। चर्चा है कि ऐसे बीजेपी के नेताओं में मेयर सुनीता दयाल, एमएलसी दिनेश गोयल, पूर्व राज्यसभा सदस्य अनिल अग्रवाल, जीडीए बोर्ड सदस्य पवन गोयल मुख्य हैं।

ऑडियो-वीडियो मैसेज से किया जा रहा संपर्क

परमानंद गर्ग के पक्ष में माहौल बनाने वाली बात की पुष्टि इससे भी होती है कि वैश्य समाज के कुछ मजबूत लोगों की तरफ से जो मैसेज भेजा जा रहा रहा है, वह सिर्फ बीजेपी, कांग्रेस या सपा से जुड़े लोगों को ही नहीं पहुंच रहा, बल्कि वैश्य समाज के हर व्यक्ति को भेजा जा रहा है। इनमें अलग-अलग पार्टियों और उनके व्यापारिक संगठनों के साथ-साथ वैश्य समाज की विभिन्न स्वयसेवी संस्थाओं और संगठनों से जुड़े लोग भी हैं।

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