सड़क पर काले कोट वाले : नारा लगाया, ये दीवाने जेल चले

Sadak

Sadak पर काले कोट वाले: अपने पूर्व घोषित विरोध के मद्देनजर आज हजारों की संख्या में वकीलों का काफिला कचहरी से कविनगर थाने पहुंचा और अपनी गिरफ्तारी के लिए थाने के सामने धरना दिया। मगर पुलिस अफसरों ने गिरफ्तारी से इंकार कर दिया।

इस दौरान रास्ते में वकीलों ने जमकर वामपंथियों और शहीदों के लगाए नारे को लगाकर अपने जेल भरो आंदोलन का एहसास पुलिस औऱ प्रशासन को कराया। रास्ते भर वकीलों ने जमकर नारा लगाया कि ये दीवाने कहां चले, जेल चले भाई जेल चले। हालाकि वकीलों का विरोध प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा। मगर खास बात ये है कि वकीलों के इस आंदोलन में अब बैनामा और दस्तावेज लेखक भी शामिल हो रहे हैं।

दस्तावेज लेखकों की एसोसिएशन ने मंगलवार को हड़ताल का ऐलान कर दिया है। जाहिर है कि इससे रजिस्ट्री का काम प्रभावित होगा और इसका सीधा असर राजस्व पर पड़ेगा। उधर, ज्यूडिशरी की ओर से भी वकीलों के आंदोलन को लेकर एक आदेश न्यायिक अधिकारियों को दिया गया है। जिसमें सभी न्यायिक अधिकारियों को कोर्ट में कामकाज के समय अपनी डायस्क पर मौजूद रहने को कहा गया है। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई वकील कामकाज के सिलसिले में आता है तो काम किया जाए।

यदि कोई व्यवधान डालने की कोशिश करता है, तो इसकी सूचना तुरंत जिला जज को दी जाए। जाहिर है कि वकीलों के आंदोलन के आगे ज्यूडिशरी भी किसी सूरत में दबती नजर नहीं आ रही।

क्रमिक अनशन रहा जारी

रोजाना की तरह सोमवार को भी वकीलों का क्रमिक अनशन जारी रहा। चैंबर नंबर 251 से 500 तक के अधिवक्ताओं ने अनशन और धरनास्थल की कमान संभाली। अनशन और धरना स्थल की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी बार एसोसिएशन ने एक दिन पहले ही साथी अधिवक्ताओं में बांट दी थी।

एक बजे वकीलों ने शुरू किया मार्च

क्रमिक अनशन के साथ वकीलों ने पहले कचहरी परिसर में मानव श्रंखला बनी फिर एक बजे गिरफ्तारी देने के लिए कविनगर थाने कूच किया। हजारों की तादात में मार्च में शामिल वकील ये दीवाने कहां चले, जेल चले भाई जेल चले और वकील एकता जिंदाबाद जैसे नारे लगाते हुए कविनगर थाने पहुंचे और वहां मौजूद अफसरों से उनकी गिरफ्तारी करने को कहा। बताया गया है कि पुलिस अफसरों ने मामले की जांच की बात कहकर गिरफ्तारी से इंकार कर दिया।

थाने पहुंचे वकीलों को पिलाया पानी

पैदल मार्च करके कविनगर थाने पहुंचे वकीलों को पुलिस ने पीने के लिए पानी मुहैया कराया। हालाकि पिछले एक महीने से ज्यादा वक्त से आंदोलन कर रहे वकीलों को पैदल मार्च से कोई खास दिक्कत नहीं हुई। मगर पुलिस की आवभगत का वकीलों ने उपयोग जरूर किया।

ज्यूडिशरी अफसरों को भी फरमान

उधर, वकीलों के आंदोलन से इतर न्याय पालिका की ओर से भी जिले के न्यायिक अफसरों को निर्देश जारी किए गए हैं। जनपद न्यायालय की नजारत के प्रभारी अधिकारी नीरज गौतम की ओर से सभी न्यायिक अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस में जिक्र किया गया है कि वकीलों के आंदोलन के बावजूद जो अधिवक्ता कार्य करने के इच्छुक हैं और जो वादकारी हैं उनमें भय का माहौल बना हुआ है।

इस स्थिति से निबटने के लिए न्यायालय कक्षों और न्यायालयय परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। जबकि पर्याप्त पुलिसकर्मियों को भी वीडियो रिकॉर्डिंगयुक्त कैमरों के साथ कोर्ट परिसर में तैनात किया गया है। लिहाजा सभी न्यायिक अधिकारियों को आदेशित किया जाता है कि वो डायस पर बैठने के समय इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि उनके न्यायालय में न्यायिक कार्य के लिए आने वाले किसी अधिवक्ता या वादकारी के साथ कोई अप्रिय घटना न हो।

यदि ऐसा होता है तो अविलंब इसकी सूचना जिला जज को दें। इस सूचना में घटना के समय का भी उल्लेख करें, ताकि ऐसा करने वाले असामाजिक तत्वों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जा सके।

पहले एफआईआर, अब इनकार

गौरतलब है कि बीती 26 नवंबर को हड़ताल तीन सप्ताह के लिए स्थगित करने के बार एसोसिएशन के फैसले के खिलाफ वकीलों के एक धड़े ने विरोध प्रदर्शन किया था। उस मामले को लेकर बार अध्यक्ष दीपक शर्मा की ओर से एक मुकदमा कविनगर थाने में कुछ लोगों के खिलाफ दर्ज कराया गया था। इस मुकदमें में उन्होंने आरोप लगाया था कि कुछ लोग वकील नहीं होने के बावजूद कचहरी परिसर में रहकर 26 नवंबर को न्यायिक कार्य में व्यवधान उत्पन्न कर रहे थे। इस मामले में विवेकानंद नगर निवासी एक शख्स को नामजद भी किया गया था।

मगर आज बार अध्यक्ष की ओर से एक पत्र कविनगर थानाध्यक्ष को सोंपा गया और बताया गया कि हंगामा करने वालों और न्यायिक कार्य में व्यवधान उत्पन्न करने वालों में विवेकानंदनगर निवासी जिस शख्स का नाम दिया गया है वह धोखे में लिखवाया गया है, जबकि वह पेशे से अधिवक्ता ही हैं। लिहाजा उन पर कार्रवाई नहीं की जाए। जाहिर है कि हड़ताल को लेकर वकीलों में हुई गुटबाजी का पटाक्षेप हो गया है। तब ही पहले एफआईआर और अब खंडन किया गया है।

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