Ustad Zakir Hussain : अरे हुजूर ! वाह ताज तो बोलिए, कहने वाले नहीं रहे

Zakir Hussain

Ustad Zakir Hussain : कई दशक पहले एक चाय कंपनी का विज्ञापन दूरदर्शन पर देखने को मिलता था। जिसमें नामचीन तबला वादक उस्ताद अल्लाह रक्खा कुरैशी के साहबजादे, जो खुद युवा तबला वादक थे, वो नजर आते थे। साहबजादे का नाम था Zakir Hussain। रियाज किया, मेहनत की और उसके बूते न सिर्फ मशहूर तबला वादक बने, बल्कि म्यूजिक कंपोजर और अभिनय के क्षेत्र में भी अपने हाथ आजमाने वाले Zakir Hussain का निधन हो गया है।

विदेशी धरती पर ली आखिरी सांस

73 साल के Zakir Hussain का सैन फ्रांसिस्को में इलाज चल रहा था। वहीं पर इलाज के दौरान उन्होंने आखिरी सांस ली। Zakir Hussain की तबीयत पहले से ही खराब थी। मगर, अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वह आईसीयू में भर्ती थे। हालत लगातार बिगड़ रही थी। पिछले हफ्ते भी वह अस्पताल में भर्ती रहे थे। तबले के फनकार Zakir Hussain को दिल की बीमारी थी। तबले के जरिये अपने दिल की बात कहने वाले Zakir Hussain दिल की बीमारी के चलते ही दुनिया से रूक्सत हो गए।

तीन ग्रैमी अवॉर्ड जीते थे Zakir Hussain ने

तीन ग्रैमी अवॉर्ड जीत चुके Zakir Hussain एक्टर भी थे। उन्होंने 12 फिल्मों में काम किया था। उस्ताद Zakir Hussain ने शशि कपूर के साथ साल 1983 में आई ब्रिटिश फिल्म ‘हीट एंड डस्ट’ में काम किया था। यह उनकी एक्टिंग डेब्यू फिल्म थी। इसके अलावा वह साल 1998 में आई फिल्म ‘साज’ में नजर आए। इसमें शबाना आजमी ने उनकी प्रेमिका का रोल प्ले किया था।

ये भी पढ़े: News Nation चैनल पर लगने वाला है ताला, 90 फीसदी स्टाफ की छुट्टी

पिता से मिला था तबले का हुनर

9 मार्च 1951 को जन्मे Zakir Hussain ने अपने करियर में तीन ग्रैमी अवॉर्ड जीते थे। इतना ही नहीं, बल्कि उन्हें अपने हुनर के बूते पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे गौरवांवित करने वाले राष्ट्रीय सम्मानों से भी नवाजा गया था। उनके पिता उस्ताद अल्लाह रक्खा कुरैशी भी तबला वादक थे। Zakir Hussain ने पढ़ाई पूरी करने के बाद संगीत की दुनिया में कदम रखा। उनका रुझान बचपन से ही तबले की धुन की ओर हो गया था।

चाय का विज्ञापन युवाओं को लुभाया

तबले के फन और अपने बालों को झटकने के अंदाज के साथ ताजमहल के सामने एक चाय कंपनी के विज्ञापन में उनका बालों को झटकने का अंदाज युवाओं को बहुत सुहाया था। उस अदा के साथ-साथ विज्ञापन में उनका एक डॉयलॉग “अरे हुजूर, वाह ताज तो बोलिए” खासकर युवाओं की जुबान ही नहीं, बल्कि उनके दिलों में भी घर कर गया था।

इसे इत्तेफाक कहें या फिर युवाओं का उनके प्रति लगाव, कि उनके इस विज्ञापन के दूरदर्शन पर आने के बाद ताजमहल चाय की बिक्री में अचानक बड़ी तेजी से उछाल आया था। जिसका श्रेय कंपनी ने ही नहीं, बल्कि और कई व्यवसाईयों ने भी Zakir Hussain को दिया।

ये भी पढ़े: Masoom ने सुनाई बाप की खौफनाक करतूत : पहले पीटा, फिर मम्मी को गला काटकर मार डाला

विदेशी धरती पर आखिरी शो की तमन्ना रह गई

ह्यूस्टन में प्रसिद्ध तबला वादक पंडित शिव कुमार शर्मा की याद में Zakir Hussain एक शो करने जा रहे थे। इसका ऐलान भी उन्होंने पंडित शिव कुमार शर्मा के बेटे राहुल शर्मा के साथ इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट के जरिये किया था। मगर, किस्मत देखिए कि उससे पहले ही उनकी हालत बिगड़ी और वे दुनिया को रूख्सत कर गए। Buland Ghaziabad भी ऐसे हुनर के बुलंद फनकारों को श्रद्धांजलि देता है।

बचपन से पिता के साथ की मेहनत

Zakir Hussain ने पिता के साथ सात साल की उम्र से ही तबले की थाप पर अपनी कोमल हथेलियों को पीटना शुरू कर दिया था। उसी का नतीजा रहा कि 10 साल से भी कम उम्र में उन्होंने तबला वादन के क्षेत्र में धमाकेदार एंट्री करके न सिर्फ कई चर्चित अवॉर्ड अपने नाम किए, बल्कि अपनी योग्यता और काबिलियत का लोगों को लोहा मनवा दिया था। अब्बू को भी अपने बेटे और शागिर्द पर जीते जी गर्व रहा।

ऐसी और खबरों के लिए हमारे सोशल मीडिया फॉलो करे: Twitter Facebook 

Scroll to Top