
Ghaziabad Nagar Nigam में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह एक ऐसा महत्वपूर्ण कार्य है जो नागरिकों के लिए आधारभूत पहचान और विभिन्न सरकारी योजनाओं व प्रक्रियाओं का अभिन्न अंग होता है। विडंबना यह है कि नगर निगम के प्रत्येक जोन में ऑनलाइन तरीके से चल रहे इस काम को करने के लिए कंप्यूटर ऑपरेटरों की नियुक्ति ही नहीं की गई है।
इसकी बजाय, यह संवेदनशीन कार्य कुछ सफाई कर्मचारियों से कराया जा रहा है, जो तकनीकी रूप से इस पद के लिए योग्य नहीं हैं। स्थिति इतनी विचित्र है कि ‘ए-क्लास’ कर्मचारी की पोस्ट पर ‘चतुर्थ श्रेणी’ के कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है, जिसका सीधा असर कार्य की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर पड़ रहा है।
गुणवत्ता से समझौता: व्याकरण संबंधी त्रुटियों की भरमार
जब अकुशल और अप्रशिक्षित कर्मचारी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज तैयार करते हैं, तो उसका परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। इन प्रमाण पत्रों में व्याकरण (ग्रामर) संबंधी त्रुटियों की भरमार रहती है। नाम, पते, जन्मतिथि या मृत्युतिथि जैसी महत्वपूर्ण जानकारियों में स्पेलिंग या ग्रामर की गलतियाँ न केवल दस्तावेज की प्रामाणिकता को कम करती हैं, बल्कि धारक के लिए भविष्य में कई कानूनी और प्रशासनिक अड़चनें भी पैदा करती हैं। बैंक खातों से लेकर संपत्ति के हस्तांतरण तक, हर जगह ये त्रुटिपूर्ण दस्तावेज समस्या खड़ी कर सकते हैं, जिससे नागरिकों को बार-बार निगम के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
भ्रष्टाचार का बढ़ता ग्राफ
अकुशल कर्मचारियों द्वारा कार्य किए जाने का एक और गंभीर परिणाम है भ्रष्टाचार में वृद्धि। जब कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी के प्रति पूरी तरह से जवाबदेह या प्रशिक्षित नहीं होते, तो भ्रष्टाचार की गुंजाइश बढ़ जाती है। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसी महत्वपूर्ण सेवा के लिए पैसे लेकर काम करने या नियमों को ताक पर रखकर अवैध तरीके से प्रमाण पत्र जारी करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। यह न केवल आम जनता के लिए वित्तीय बोझ बढ़ाता है, बल्कि नगर निगम की छवि को भी धूमिल करता है और सरकारी प्रक्रियाओं में जनता के विश्वास को कमजोर करता है।
ऑनलाइन प्रक्रिया में मानवीय चूक का खतरा
यह बात और भी चिंताजनक है कि यह सारा काम ऑनलाइन माध्यम से किया जा रहा है। ऑनलाइन सिस्टम को सुचारु रूप से चलाने, डेटा एंट्री में सटीकता बनाए रखने और तकनीकी समस्याओं को हल करने के लिए विशेषज्ञ कंप्यूटर ऑपरेटरों की आवश्यकता होती है। जब यह कार्य सफाई कर्मचारियों द्वारा किया जाता है, तो न केवल ऑनलाइन प्रक्रिया की गति धीमी होती है, बल्कि डेटा में मानवीय त्रुटियों (Human Error) की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है। यह तकनीकी सिस्टम की क्षमता का भी सही उपयोग नहीं होने देता।
तत्काल सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता
गाजियाबाद नगर निगम को इस गंभीर स्थिति को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाने होंगे। सबसे पहले, योग्य और प्रशिक्षित कंप्यूटर ऑपरेटरों की नियुक्ति की जानी चाहिए जो ऑनलाइन प्रणाली को कुशलतापूर्वक संभाल सकें। दूसरा, उन कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए जो वर्तमान में इस कार्य में लगे हुए हैं, ताकि वे कम से कम बुनियादी तकनीकी जानकारी और दस्तावेज़ तैयार करने के मानकों को समझ सकें। तीसरा, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए मजबूत निगरानी तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए, जिसमें भ्रष्टाचार के मामलों की त्वरित जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शामिल हो।
निगम अफसरों को नसीहत
यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज त्रुटिमुक्त और ईमानदारी से जारी किए जाएं, ताकि नागरिक बिना किसी परेशानी के अपने अधिकारों का उपयोग कर सकें और सरकारी सेवाओं पर उनका विश्वास बना रहे। गाजियाबाद नगर निगम को इस दिशा में तुरंत ध्यान देना होगा।