BJP : संजीव बने MLA, कौन होगा उत्तराधिकारी ? संगठन में बड़ा ‘बदलाव’ तय

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MLA Sanjeev Shamra: सबसे कम मतदान के बावजूद बंपर जीत हासिल करने वाली बीजेपी संगठन में 2027 से पहले बड़ा बदलाव करने जा रही है। जहां बूथ-वार्ड और मंडल अध्यक्ष जैसे अहम पदों पर बंपर बदलाव होने जा रहे हैं, वहीं पुरानों की जगह नये और सक्रिय कार्यकर्ताओं को इस बार जिम्मेदारियां देने की तैयारी हो रही है। जाहिर है कि इससे अरसे से संगठन में अपनी बारी का इंतजार कर रहे सक्रिय कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर करने और बीते चुनावों में पदों पर होने के बावजूद निष्क्रिय रहने वालों का इलाज बांधने की कसरत पार्टी करने जा रही है।

बड़ा सवाल यही है कि विधायक बन चुके संजीव शर्मा का महानगर अध्यक्ष के रूप में उत्तराधिकारी कौन होगा ?

सक्रिय सदस्यों के हाथ संगठन की मास्टर 'KEY'

विधानसभा का चुनाव जीतते ही जहां बीजेपी के महानगर अध्यक्ष और विधायक संजीव शर्मा ने जहां सक्रिय सदस्य बनाने को लेकर पार्टी पदाधिकारियों को जुटने को कहा था। वहीं पता चला है कि बीजेपी के संगठन का खाका तैयार करने में बीजेपी के सक्रिय सदस्यों की भूमिका ही सबसे ज्यादा अहम होगी। ये सक्रिय सदस्य ही बूथ–वार्ड और मंडल अध्यक्षों का चुनाव करेंगे। जबकि इनके वोट से चुने गए पदाधिकारी ही ये तय करेंगे कि लखनऊ भेजे जाने वाले महानगर और जिलाध्यक्ष के पैनल में तीन-तीन नाम कौन से भेजे जाएं।

उम्र की सीमा कई दावेदारों पर पड़ेगी भारी

बीजेपी ने इस बार चुनाव में उम्र का बंधन तय कर दिया है। जहां मंडल अध्यक्षों के लिए 35 से 45 साल की आयु होनी अनिवार्य रखी गई है, वहीं महानगर और जिलाध्यक्ष पद के दावेदारों के लिए ये आयुसीमा 45 से 60 रखी गई है। जाहिर है कि इससे मंडल अध्यक्ष बनने और महानगर-जिलाध्यक्ष बनने की उम्मीद रखने वालों के अरमानों पर पानी फिर जाएगा।

हैट्रिक लगाने की उम्मीदों पर फिरेगा पानी

2027 के चुनाव और पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी को भांपते हुए इस बार संगठन ने तय किया है कि संगठन में लगातार दो बार जो लोग कोई भी जिम्मेदारी उठा चुके हैं उसी पद पर तीसरी बार उनकी ताजपोशी नहीं होगी, बल्कि किसी दूसरे को इस बार मौका दिया जाएगा। जाहिर है कि इससे न सिर्फ कई मठाधीशों की मठाधीशी जाएगी, वहीं एक ही पद पर हैट्रिक लगाने की सोच रहे पदाधिकारियों के अरमानों पर भी पानी फिरेगा।

जिला-महानगर पैनल में किसका नंबर ?

भाजपा में यूं तो मंडल अध्यक्षों के पाले में महानगर और जिलाध्यक्षों के चुनाव की गेंद है। मगर इतिहास गवाह है कि वो काम केवल कागजों तक सीमित है। हकीकत ये है कि पैनल में जो तीन नाम लखनऊ भेजे जाने है, केवल उसका निर्धारण स्थानीय स्तर पर होता है। बाकी तो सब लखनऊ हाईकमान के पास जिसकी बड़ी सिफारिश उसकी ताजपोशी। ये हम नहीं कह रहे बल्कि बीजेपी के ही पुराने महारथी ऑफ रिकॉर्ड बता रहे हैं।

महानगर अध्यक्ष पद की दौड़ में ये

बीजेपी में महानगर अध्यक्ष पद की दौड़ में इस बार वैश्य समाज से पवन गोयल, मयंक गोयल, गोपाल अग्रवाल को बड़ा दावेदार बताया जा रहा है। तो ओबीसी वर्ग से पप्पू पहलवान, प्रदीप चौधरी और सुनील यादव की दावेदारी चर्चाओं में है। दलित समाज से सुनील गौतम को दावेदार बताया जा रहा है। लेखराज माहौर भी इस बार पूर्व महानगर अध्यक्ष  अजय शर्मा के बूते महानगर अध्यक्ष पद की दावेदारी में प्रबल नाम कहे जा रहे हैं। वहीं ब्राह्मण समाज से अभी तक कोई ऐसा नाम सामने नहीं आया है जिसे महानगर अध्यक्ष पद की दावेदारी में बताया जा सके। पंजाबी समाज से गौरव चौपड़ा की दावेदारी की भी जोरदार चर्चाएं चल रही हैं।

पैनल पर मुहर लगाएंगे सिद्धार्थनाथ सिंह

गाजियाबाद से जिन तीन-तीन लोगों के नाम महानगर और जिलाध्यक्ष के लिए जाने हैं। हालाकि उनका चयन मंडल अध्यक्षों को करना है। मगर, लखनऊ जाने वाले तीन-तीन नामों पर आखिरी मुहर योगी सरकार के मंत्री रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह ने लगाई है। क्योंकि हाईकमान ने उन्हें ही संगठन में चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है।

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