Smart City की Traffic Light बीमार, कब होगा इलाज ?

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Traffic Lights not Working: महानगर में Traffic System को लेकर अक्सर खबरें भी बनती हैं और जाम के झाम को लेकर लोग Traffic Police की व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हैं। मगर, इस जाम के झाम में सरकारी मशीनरी की अनदेखी भी बड़ी वजह है। अरसे से शहर के चौराहों-तिराहों पर लगी Traffic Lights यानि सिग्नल सिर्फ और सिर्फ बिजली विभाग के रहम-ओ-करम पर चल रही है।

पावर कट होते ही शहर की कुछ Traffic Lights को छोड़कर तमाम बंद हो जाती हैं। ऐसा इन लाईट्स की वैकल्पिक व्यवस्था करने वाली कंपनी और निगम के बीच हुए विवाद के चलते हुआ। इस विवाद के चलते बताया ये जा रहा है कि महानगर के 50 से ज्यादा Traffic Signals पर लगी लाईट्स केवल तब तक ही जलती हैं जब तक उन्हें बिजली विभाग से मिलने वाली बिजली की सप्लाई मिलती है।

इसके चलते चौराहों पर लगने वाले जाम के झाम और ट्रैफिक रूल्स का पालन कराना न सिर्फ मुश्किल हो रहा है। बल्कि जहां Traffic Police की मौजूदगी भी है, वहां भी हालात काबू में नहीं आ पाते। अब देखना ये होगा कि इन हालात पर सरकारी तंत्र कब जागता है और व्यवस्था दुरूस्त होती है।

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निगम-कंपनी में हुआ था विवाद

निगम के सूत्रों की मानें तो पहले नगर निगम की ओर से शहर के Traffic Signals को पावर कट के दौरान Traffic Signals के लिए बिजली की वेकल्पिक व्यवस्था का जिम्मा पहले एक कंपनी को दे ऱखा था। लेकिन कुछ वक्त बाद वो टेंडर एक की बजाय दो कंपनियों को दे दिया गया। हालाकि ऐसा व्यवस्था में सुधार की गरज से किया गया होगा।

मगर, बताते हैं कि निगम के इस फैसले के खिलाफ वेकल्पिक व्यवस्था करने वाली पहली कंपनी कोर्ट चली गई और वेकल्पिक व्यवस्था का काम ठप हो गया। तबसे स्मार्ट सिटी के तकरीबन 51 Traffic Signals ऐसे हैं जिन पर लाईट्स की कोई वेकल्पिक व्यवस्था नहीं है। हालाकि कुछ जगह पर जरूर निगम ने अपने स्तर पर इस तरह के इंतजाम किए हैं मगर 50 से ज्यादा ट्रेफिक सिग्नल केवल बिजली विभाग के रहम-ओ-करम पर ही चल रहे हैं।

निगम से कई बार की जा चुकी गुहार

Traffic Department के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि इन हालात की बाबत निगम के अफसरों से कई मर्तबा कहा जा चुका है। मगर स्थिति में सुधार नहीं हो रहा जिसके चलते ट्रैफिक व्यवस्था बनाने में खासी दिक्कतें पेश आ रही हैं। खासकर पीक ऑवर्स में सबसे ज्यादा परेशानी होती है।

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जल्द निकलेगा समाधान-निगम

उधर, निगम के अधिकारिक सूत्रों का दावा है कि इस मामले को लेकर नगर आयुक्त की तरफ से अधीनस्थ अफसरों से चर्चा की गई है। दावा किया गया है कि आने वाले कुछ दिनों में इस दिक्कत को दूर करा दिया जाएगा। मगर, सवाल ये है कि ये हालात कब तक दुरूस्त होंगे और कब तक सिर्फ और सिर्फ बिजली विभाग के बूते ट्रैफिक व्यवस्था का संचालन करना पड़ेगा ये आने वाला वक्त ही तय करेगा।

Traffic Police को नहीं मिल रहा आराम

इस मामले को लेकर ट्रैफिक विभाग को सबसे ज्यादा दिक्कत ये हो रही है कि कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद उच्चाधिकारियों की तादात शहर में ज्यादा हो गई है। लिहाजा चौराहों-तिराहों से अफसरों की कभी भी आवाजाही होती रहती है।

इस वजह से डयूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को सांस लेने की फुरसत नहीं मिलती। इसी के चलते निचले स्तर के कर्मचारी मामले को लेकर उच्चाधिकारियों से बार-बार व्यवस्था में सुधार कराने की मांग कर रहे हैं। हालाकि सूत्र ये भी बता रहे हैं कि इस मामले को लेकर पुलिस के उच्चाधिकारियों ने भी नगर आयुक्त से वार्ता की है। मगर, इस वार्ता का नतीजा कब निकलेगा ये तो सुधार होने पर ही पता चलेगा।

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