Zila Ghaziabad : लो कर लो बात ! अब सड़कें भी होने लगीं चोरी

Zila Ghaziabad

Zila Ghaziabad में अब सड़के चोरी:  किसी वक्त व्यवसायिक गतिविधिय़ों के रूप में जाना जाने वाला जिला गाजियाबाद समय़-समय पर अपनी पहचान बदलता रहता है। एक दौर था जब इसकी पहचान अपराधिक नगरी के रूप में ताबड़तोड़ गैंगवार की वजह से बनी। एक दौर आया जब दिल्ली से सटा होने की वजह से इस जिले को एजुकेशन सिटी के रूप में जाना जाने लगा। फिर आर्थिक अपराधों और साइबर क्राइम की बढ़ती वारदातों ने इसे अलग पहचान दी। मगर आज कल ये चर्चाओं में है सड़कों की चोरी होने वाले शहर के रूप में। आप सोच रहे होंगे कि सड़कों की चोरी ?

जी हां ! भूमाफियाओं की करतूतों से बदनाम इस शहर में अब सड़कों की चोरी भी होने लगी है। और एक-दो नहीं बल्कि दर्जनों सड़कें गायब कर दी गई हैं। ये कोई हवाई जानकारी नहीं है। बल्कि सरकारी अमले की पड़ताल में ही इस करतूत का खुलासा हुआ है। अधिकारी औऱ सरकारी मशीनरी उन गायब हुई सड़कों का पता लगाने में जुटे हैं कि आखिर वो सड़कें गई तो गई कहां ?

इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात तो ये है कि जिले में ऐसी ही कई गायब सड़कों की मरम्मत के नाम पर भी सरकारी विभागों में और जनप्रतिनिधियों की निधि में हेरा-फेरी तक की गई है। यदि निष्पक्ष तरीके से गंभीरता से जांच हो तो कई बड़े गोलमाल से पर्दा उठ सकता है।

ये है मामला

दरअसल, जिले में सक्रिय सैकड़ों की तादात में बड़े-छोटे भूमाफिया दशकों से सरकारी जमीन गायब करने का खेल करते चले आ रहे हैं। ऐसे माफियाओं ने जिले के दर्जनों पैखर-तालाब, जोहड़ पहले से ही गायब कर दिए थे। अब खुलासा हुआ है कि जिले की दर्जनों सड़कों को भी ये माफिया गायब कर चुके हैं। ये सड़के किसी एक सरकारी महकमें के क्षेत्र की भूमी वाली नहीं हैं।

बल्कि जीडीए, नगर निगम, सिंचाई विभाग, आवास-विकास समेत तमाम सरकारी विभागों की जमीनों पर बनाई गई ऐसी न जाने कितनी ही सरकारी सड़कें हैं जिन्हें जिले में सक्रिय भूमाफिया हजम कर गए हैं। हाल ही में एक सरकारी विभाग की पड़ताल में इन सड़कों के गायब होने का ताजा खुलासा हुआ है।

जीडीए की टीम को मिली करतूत की जानकारी

दरअसल, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में वीसी के पद पर युवा आईएएस अतुल वत्स की तैनाती होने के बाद से जीडीए के कामकाज में कुछ सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। इन्हीं बदलावों के तहत विकास की योजनाओं पर काम और अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की कोशिशें हो रही हैं। इसी कवायद के तहत जीडीए की एक टीम दो दिन पहले प्रभारी भू-अर्जन, नायब तहसीलदार, सहायक अभियन्ता जोन-1 एवं अमीन के साथ जोन-1 के अन्तर्गत सड़कों का निरीक्षण करने गई।

निरीक्षण के दौरान एनपीआर रोड आउटर रिंग रोड पर अग्रवाल हाईट्स से भट्टा नं0-5 रोड का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में टीम ने देखा कि आउटर रिंग रोड के अन्तर्गत आने वाली कई सड़कें नक्शे में तो हैं मगर मौके से गायब हैं।

हैरान अफसरों ने दिए तलाश के निर्देश

पड़ताल में सड़के गायब मिलने की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई। जबकि संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को कहा गया कि वे तलाश करें कि सड़कें कहां चली गईं। निर्देश दिए गए कि सड़कों को गायब करने में जिनकी भी भूमिका है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

सजरों पर सड़क, निरीक्षण में गायब

हालाकि सड़कों के गायब होने का प्रकाश में आया ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार जीडीए, नगर निगम, आवास-विकास और सिंचाई विभाग समेत तमाम सरकारी विभागों की पड़ताल में ये खुलासा हो चुका है कि जिले में सक्रिय माफिया न जाने कितनी ही ऐसी सड़कों की चोरी कर चुके हैं। जो सजरे-नक्शे में तो दिखती हैं। मगर, मौके पर जाने पर गायब हो जाती हैं। सवाल यही है कि सरकारी रिकॉर्ड में कई ऐसी सड़कों की मरम्मत पर विभागों द्वारा खर्चा भी दर्शाया जाता है। मगर हकीकत में सड़कें हैं ही नहीं। यदि पड़ताल हो, तो कई घोटालों से पर्दा उठ सकता है।

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