आखिर क्या राज है: नगर आयुक्त के ACTION, आयरन लेडी के साइलेंट होने का ?

action by municipal commissioner

Action by Municipal Commissioner: ध्यान है कि कैसे महापौर ने युवावस्था से लेकर महापौर के पद पर आसीन होने तक तीखे तेवर और बेबाक तरीके से न सिर्फ राजनीति की है। बल्कि अपनी छवि को वरिष्ठ भाजपा नेत्री सुषमा स्वराज की तर्ज पर ढाला और लगातार बनाए रखा। मगर, पिछले कुछ वक्त से महापौर जबसे सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करके लौटी हैं उनके वो चिर-परिचित तेवर दिखाई नहीं दे रहे। न जिले की प्रथम महिला नागरिक अपने तरीके से एक्टिव दिख रही हैं और ना ही माहापौर के रूप में उनकी सक्रियता ही नजर आ रही है।

खास हो या आम, राजनेता हो या जनप्रतिनिधि, अफसरशाही हो या फिर बीजेपी सभी हैरान हैं कि नगर आयुक्त के साथ हुए विवाद के बाद अचानक सुनीता दयाल सुनीता दयाल क्यूं नजर नहीं आ रहीं ? जबकि नगर आयुक्त पिछले कुछ दिन से कुछ ज्यादा ही एक्शन मोड में दिख रहे हैं। इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है।

Action में नगर आयुक्त

अभी कल की ही बात है नगर आयुक्त जनसुनवाई कर रहे थे। कौशांबी के कुछ लोग आए और उन्हें अव्यवस्थाओं से रू-ब-रू कराया। नगर आयुक्त ने तुरंत फैसला किया और सफाई नायक को सस्पेंड करने के साथ-साथ अफसरों और कर्मचारियों को सीधे वॉर्निंग दे डाली। आज नगर आयुक्त अचानक मोहन नगर जोन में पहुंचे औऱ बेतहाशा कूड़ा गाड़ी दौड़ा रहे चालक को रोककर न सिर्फ फटकारा बल्कि पहली औऱ आखिरी चेतावनी देकर कार्यशैली में सुधार की चेतावनी ऑन कैमरा दे डाली।

यही नहीं छठ पूजा की तैयारियां हों, दीपावली पर शहर को चमकाना हो या फिर अन्य निगम से जुड़े फैसले। सभी में नगर आयुक्त पिछले कुछ वक्त से कुछ ज्यादा ही एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों कर्मचारियों के आंदोलन में भी नगर आयुक्त की भूमिका कुछ ऐसी ही देखने को मिली थी।

आयुक्त वाला स्टाइल तो सुनीता दयाल का...

पूरे शहर में चर्चा का बाजार गर्म है कि जिस एक्शन मोड में नगर आयुक्त नजर आ रहे हैं ये काम करने औऱ एक्टिव रहने वाला अंदाज तो महापौर सुनीता दयाल का है। बेबाक कुछ भी कहना, कहीं भी पहुंच जाना। पद को भूल किसी भी कार्य में एक आम शख्स की तरह हस्तक्षेप करना सुनीता दयाल का व्यक्तित्व महापौर बनने से पहले और बनने के बाद भी रहा है।

लेकिन पिछले कुछ वक्त से वे साइलेंट मोड में हैं। लोगों में चर्चा है कि नगर आयुक्त महापौर वाले स्टाइल में दिख रहे हैं। लेकिन महापौर न फिल्ड में दिखाई दे रही हैं और ना ही निगम कार्यालय या शहर के कार्यक्रमों में। लोग इसके पीछे की वजह को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं।

योगीजी से मुलाकात में क्या हुआ ?

गौरतलब है कि पिछले दिनों नगर आयुक्त औऱ महापौर के बीच अधिकारों को लेकर विवाद हुआ था। जिसमें दोनों ही तरफ से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के साथ-साथ अधिकारों के जरिये प्रहार भी हुए थे। जहां नगर आयुक्त ने महापौर के पति के सरकारी दस्तावेजों के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए एक आदेश जारी किया था। वहीं महापौर ने भी प्रेस वार्ता करके नगर आयुक्त और निगम अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे।

बात यहीं तक नहीं बढ़ी थी। बल्कि नौबत ये तक आ गई थी कि डीएम सर्किल रेट के हिसाब से जहां नगर आयुक्त शहर वासियों से टेक्स वसूली की कवायद करके सरकारी खजाना भरने में जुटे थे, वहीं महापौर ने लोगों से टैक्स जमा नहीं करने की अपील करके उनके प्रयासों को सीधे नुकसान पहुंचाने का काम किया। इतना ही नहीं निगम की बैठक में सबसे पहले उसी प्रस्ताव को खारिज भी कर दिया गया। इस सारे विवाद के बाद महापौर सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर आईं। उनसे मिलने के बाद ये चर्चाएं थीं कि महापौर ने नगर आयुक्त को हटाने की मांग की है।

मगर उसके कुछ दिन बाद से ही महापौर का अचानक साइलेंट मोड में जाना और कार्यालय से लेकर शहर में होने वाली गतिविधियों और कार्यक्रमों से भी दूरी बना लेना, लोगों में तरह-तरह की चर्चाओं को जन्म दे रहा है। उधर, अचानक नगर आयुक्त का एक्टिव मोड में रहना इन चर्चाओं को और ज्यादा बल दे रहा है। खास हो या आम, हर कोई जानना चाहता है कि आखिर माजरा क्या है ? क्या राज है आयरन लेडी के साइलेंट मोड में जाने का और नगर आयुक्त के एक्टिव मोड में आने का ?

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