
UP-UPCHUNAV: गाजियाबाद की राजनीति में इस बार विशेष परिवर्तन देखने को मिल रहा है। आम तौर पर सत्ता की दौड़ में लाईनपार क्षेत्र को नज़रअंदाज़ किया जाता रहा है, लेकिन इस बार कई प्रमुख पार्टियों ने यहां के स्थानीय लोगों को उम्मीदवार के रूप में उतारा है। यह बदलाव गाजियाबाद की विकास योजनाओं और स्थानीय हितों पर विशेष ध्यान देने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। अब बीजेपी, समाजवादी पार्टी, आजाद समाज पार्टी और AIMIM सभी ने लाईनपार क्षेत्र से अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
जरा सोचो ! लाईनपार वालो
याद कीजिए कि कब ऐसा हुआ कि किसी राजनैतिक दल ने लाईन पार को तवज्जो दी हो। कई बार यहां के नेताओं ने टिकट मांगे, मगर विधायक-मेयर या सांसद प्रत्याशी के रूप में शहर के नेता ही दिखाई दिए। यदा-कदा कोई स्थानीय उम्मीदवार चुनाव लड़ा भी तो वो केवल दूसरी पार्टी के प्रत्याशी को हराने भर के लिए डमी केंडिडेट बनकर। ताजा उदाहरण केके शुक्ला के बसपा से चुनाव लड़ने का ही ले लीजिए। लेकिन इस बार हालात बदले हुए हैं। इस बार ऐसा नहीं है। या फिर जलालुद्दीन यानि जल्लू कबाड़ी इस मामले में अपवाद है।
ये हैं लाईनपारी उम्मीदवार
- संजीव शर्मा (भारतीय जनता पार्टी)
- सतपाल चौधरी(आजाद समाज पार्टी)
- सिंघराज (समाजवादी पार्टी)
- रवि गौतम (AIMIM)
- शमशेर राणा(निर्दलीय)
प्रत्याशी और उनकी भूमिका
इस बार बीजेपी ने संजीव शर्मा को प्रत्याशी बनाया है, जो अब प्रताप विहार के निवासी हो गए हैं। समाजवादी पार्टी ने सिंघराज जाटव को उम्मीदवार चुना है, जो स्थानीय मुद्दों पर खास ध्यान केंद्रित करने का वादा करते हैं। इसी प्रकार, आजाद समाज पार्टी से सतपाल चौधरी लाईन पार क्षेत्र के चिपियाना गांव से हैं(अब ग्रेटर नोएडा), AIMIM से रवि गौतम वैसे लाईनपार का हिस्सा रहे गांव छिजारसी (अब ग्रेटर नोएडा में) के रहने वाले हैं। निर्दलीय उम्मीदवार शमशेर राणा दशकों से प्रताप विहार में ही रह रहे हैं।
UP-UPCHUNAV में लाईनपार की राजनीतिक ताकत
लाईनपार की UP-UPCHUNAV में विशेष भूमिका को देखते हुए मतदाताओं के पास इस बार सशक्त निर्णय लेने का मौका है। केंद्र और प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, जिससे संजीव शर्मा के चुनाव में जीत का संभावित लाभ लाईनपार के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। खासकर विकास योजनाओं को गति देने में। दूसरी ओर, सपा का फोकस गठबंधन ‘INDIA’ ब्लॉक के तहत मतदाताओं को संगठित करना है, जो भाजपा के प्रभाव का मुकाबला करने की दिशा में है।
विकास की दृष्टि से चुनौतियाँ और संभावनाएँ
लाईनपार में अब तक अपेक्षित विकास न हो पाने से यहां के लोग असंतुष्ट हैं। बुनियादी सुविधाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, और आवागमन की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है। नए उम्मीदवारों से उम्मीद है कि वे क्षेत्र के विकास को प्रमुखता देंगे। मतदाताओं को समझदारी से चुनाव करना होगा, ताकि लाईनपार का प्रतिनिधित्व ऐसा हो, जो उनके हितों की रक्षा और उनकी समस्याओं का समाधान करने में सक्षम हो।
उपचुनाव के परिणाम और भविष्य की दिशा
इस उपचुनाव के परिणामों से यह तय होगा कि लाईनपार का विकास किस दिशा में जाएगा। क्षेत्र का प्रतिनिधित्व अब सिर्फ एक जनप्रतिनिधि तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें क्षेत्र के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता भी देखी जाएगी। मतदाता अब अपने मुद्दों और समस्याओं के समाधान के प्रति सक्रिय उम्मीदवारों का चयन कर सकते हैं, जिससे भविष्य में लाईनपार की भूमिका और सशक्त हो सके। इस तरह के सक्रिय और स्थानीय नेतृत्व के साथ, लाईनपार क्षेत्र के लोग विकास और सुधार के लिए सही निर्णय ले सकते हैं।
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