
Entry of New Minister: उप-चुनाव नौ सीटों पर हुए। सबसे कम मतदान गाजियाबाद में हुआ, मगर जीत के मामले में गाजियाबाद का नंबर दूसरा रहा। जाहिर है कि ये बीजेपी के लिए गर्व की बात है। उप-चुनाव में पार्टी इस नतीजे से बेहद खुश है। सूत्रों ने दावा किया है कि निकट भविष्य में जब भी कैबिनेट विस्तार होगा, तो इशका लाभ गाजियाबाद को मिलना तय है। दावा किया जा रहा है कि गाजियाबाद से सुनील शर्मा और नरेंद्र कश्यप के अलावा एक और भाजपाई की ताजपोशी योगी कैबिनेट में होना तय है। जाहिर है कि ऐसा 2027 की रणनीति को देखकर किया जा रहा है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि ताजपोशी किसकी होगी ?
सीएम योगी बेहद खुश हैं गाजियाबाद के नतीजे से
एक बार नहीं बल्कि उप-चुनाव से पहले चार-चार बार गाजियाबाद गाहे-ब-गाहे आकर जनता और कार्यकर्ताओं को जागरूक करने वाले योगी आदित्यनाथ गाजियाबाद सीट पर संजीव शर्मा की जीत से खासे गदगद हैं। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नतीजे घोषित होने से पहले उनकी प्रेस से की गई बातचीत में उन्होंने जिन नौ में से सात सीटों का जिक्र किया उसमें दूसरा नंबर गाजियाबाद का था।
जाहिर है कि सबसे कम मत प्रतिशत के बावजूद जिस तरह से गाजियाबाद में बीजेपी ने क्लीन स्विप किया और सिर्फ सपा को किनारे से छोड़कर सारे उम्मीदवारों की जमानत जब्त कराई ये सीएम योगी से छिपा नहीं है। उसी का नतीजा है कि योगी कैबिनेट में गाजियाबाद का कद और बुलंद करने की तैयारी चल रही है।
किसकी खुलेगी लॉटरी कौन बनेगा नया Minister ?
इस जानकारी के बाद से ही खासकर भाजपा में इस बात को लेकर चर्चा तेज है कि संजीव की बंपर जीत से किसकी लॉटरी खुलने वाली है। कुछ लोग जहां कयास लगा रहे हैं कि पहली बार टिकट के लिए कोशिश करने वाले संजीव जैसे टिकट पाने में सफल हुए वैसे ही उन्होंने जीत का स्वाद भी अपने पहले ही चुनाव में चख लिया है। खासकर उनके समर्थक तो संजीव को ही योगी कैबिनेट में पहुंचाने की इच्छा जता रहे हैं। मगर कुछ का कहना है कि इस बार नंदकिशोर का कद बढ़ सकता है।
हिन्दूत्व से जुड़े मुद्दों को लेकर आक्रामकता के जरिये जिस तरह से अन्य विधायकों को पीछे छोड़ते हुए नंदकिशोर ने बीजेपी के एजेंडों को धार देने का काम अपने तीसरी बार के विधायक कार्यकाल में दिया है, उन्हें ईनाम मिल सकता है। उधर, कुछ लोग धौलाना में पार्टी के लगातार घट रहे जनाधार को फोकस करते हुए 2027 चुनाव के मद्देनजर धर्मेश तोमर को योगी कैबिनेट में शामिल करने की चर्चाएं कर रहे हैं। लेकिन अभी ये सिर्फ कयास हैं। देखना होगा किसकी औऱ कब लॉरी खुलती है। किसे योगी कैबिनेट में एंट्री करने का मौका मिलता है।
क्या त्यागी समाज को साधने के लिए ‘अजीत’ ?
बसपा और सपा सरकार में मंत्री रहे राजपाल त्यागी के बेटे और बीजेपी के मुरादनगर से विधायक अजीत पाल त्यागी को लेकर भी तरह-तरह के कयास लग रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बात पर भी विचचार चल रहा है कि किसी ऐसे को मंत्रिमंडल में जगह दी जाए जिसकी ताजपोशी का असर वेस्टर्न यूपी में बीजेपी के वोट प्रतिशत में 2027 के चुनाव में बढ़ाने में मदद मिले।
बीजेपी के एक गुट का मानना है कि यदि त्यागी समाज से मुरादनगर विधायक अजीत पाल त्यागी की ताजपोशी होती है तो इसका सीधा असर आने वाले 2027 के चुनाव में बीजेपी से नाराज चल रहे त्यागी समाज के साथ के रूप में मिल सकता है। देखना होगा कि बीजेपी हाईकमान किसकी किस्मत चमकाता है।
अतुल की भूमिका होगी सबसे खास
संजीव शर्मा को टिकट दिलाने से लेकर उन्हें पहली ही बार में विधायक का तमंगा दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले सांसद और पूर्व विधायक व योगी सरकार के मंत्री रहे अतुल गर्ग की भूमिका गाजियाबाद को लेकर होने वाले हर फैसले में सबसे अहम रहती है। जाहिर है कि यदि योगी कैबिनेट में किसी नये गाजियाबादी की एंट्री होती है तो उसमें सबसे अहम रोल अतुल गर्ग का ही रहने वाला है। निश्चित तौर पर पार्टी हाईकमान इस मसले पर फैसला लेने से पहले अतुल की राय लिए बिना कोई फैसला नहीं करेगा।
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